Sword on corruption again, 22 senior officers were forced to retire: फिर चली भ्रष्टाचार पर तलवार, 22 वरिष्ठ अधिकारी किए गए जबरन रिटायर

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भष्टÑाचार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। भष्टÑाचार में लिप्त कई अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जा रहा है। सोमवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से 22 और वरिष्ठ अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यह सभी कर्मचारी भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में शामिल थे। इन अधिकारियों को जनहित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया है। एएनआई के अनुसार, ये अधिकारी अधीक्षक/एओ रैंक के हैं। इससे पहले सरकार ने केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया था। ये अधिकारी सीबीआईसी के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त के रैंक के थे। इनमें 1985 बैच के आईआरएस अशोक अग्रवाल का नाम सबसे ऊपर है। आयकर विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के अफसर अग्रवाल ईडी के संयुक्त निदेशक रहे और भ्रष्टाचार के आरोप में 1999 से 2014 के बीच निलंबित रहे थे। वहीं, 10 जून को वित्त मंत्रालय ने भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त 12 वरिष्ठ अफसरों को अनिवार्य तौर पर रिटायर कर दिया। इन अफसरों में आयकर विभाग के चीफ कमिश्नर के साथ-साथ प्रिंसिपल कमिश्नर जैसे पदों पर तैनात रहे अधिकारी भी शामिल थे