Aaj Samaj (आज समाज),Swami Satchidananda, पानीपत : आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पानीपत के प्रांगण में देशभक्ति, आर्य समाज व शिक्षा पर आधारित समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी सच्चिदानंद रहे। विद्यालय प्रांगण में पहुचने पर आर्य रणदीप सिंह प्रधान आर्य बाल भारती स्कूल, रामपाल जागलान प्रबन्धक आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, राजेश आर्य व प्राचार्य मनीष घनगस ने मुख्य अतिथि महोदय को ओ३म् का चिन्ह देकर स्वागत और अभिनन्दन किया। समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य मनीष घनगस ने की।
विद्यार्थी का कर्म है शिक्षा प्राप्त करना
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि स्वामी सच्चिानन्द ने कहा कि आर्य समाज एक हिन्दु सुधार आन्दोलन है। इस समाज का उद्धेश्य वैदिक धर्म को पुनः स्थापित कर जाति बंधन को तोड़कर सम्पूर्ण हिन्दु समाज को एक सूत्र में बांधना है। आर्य समाज हमेशा से ही जाति प्रथा, छुआछुत, अंधविश्वास, झूठे कर्मकाण्ड आदि के खिलाफ रहा है। मनुष्य को अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। जो मनुष्य जैसे कर्म करता है उसे उसी के अनुसार ही उसका फल प्राप्त होता है। विद्यार्थी का कर्म है शिक्षा प्राप्त करना। शिक्षा केवल ज्ञानार्जन करना नहीं है हालांकि इसका अर्थ खुश रहने, दूसरों को खुश करने, समाज में रहने, चुनौतियों का सामना करने, दूसरों की मदद करने, बड़ों की देखभाल करने, दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करने आदि के तरीकों को सीखना है।
केवल अमीर लोगों के बच्चों को ही पढ़ने की अनुमति थी
शिक्षा हम सभी के लिए सुखी जीवन का नेतृत्व करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पहले भारत में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही खराब और बिना किसी अनुशासन के थी। केवल अमीर लोगों के बच्चों को ही पढ़ने की अनुमति थी, हालांकि गरीबों के बच्चों को उसी स्कूल या कॉलेज में पढ़ने की कोई अनुमति नहीं थी। गरीब लोगों को केवल खेतों में ही काम करने के लिए मजबूर किया जाता था, समाज में लोगों के बीच भेदभाव, असमानता, लैंगिक असमानता और भी बहुत से सामाजिक मुद्दों का कारण अच्छी शिक्षा का अभाव ही था। आर्य समाज में इन सभी आडम्बरों का विरोध किया गया। वर्तमान समय में आर्य संस्था में जितने भी विद्यालय चल रहे हैं वहां पर बच्चों को शिक्षा के साथ साथ संस्कार भी दिए जाते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ भी उपस्थित रहा।