- जो देश गोला बारूद को व्यापार बना रहे वही धरती पर विनाश ला रहे,विज्ञान विकास नहीं विनाश की तरफ ले जा रहा: स्वामी कैलाशपुरी
Aaj Samaj (आज समाज),Swami Kailashpuri Maharaj,करनाल: बिगड़ते हुए पर्यावरण के बारे में हर कोई चिंतित है बिगड़ते हुए पर्यावरण के ऊपर महाकाल भैरव अखाड़ा के सुप्रीमो और पर्यावरण को लेकर सटीक भविष्यवाणी करने वाले स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा है कि आज का विज्ञान विकास नहीं बल्कि धरती को विनाश की तरफ ले जा रहा है। उन्होंने बिगड़ते पर्यावरण को लेकर अमेरिका और उन देशों पर प्रहार करते हुए कहा की जो देश गोला बारूद को व्यापार बना रहे हैं वही धरती पर विनाश भी ला रहे हैं।
उन्होंने इन देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि धरती जनसंख्या और पराली के धुएं से नहीं बल्कि गोला बारूद की गर्मी और अंतरिक्ष में बढ़ रहे कचरे से थर्रा रही है। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि चलती कार, बाइक और फैक्ट्री में लग रही अचानक आग की मुख्य वजह ही बिगड़ता पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग ही है। सारे विश्व के वैज्ञानिकों को अब वापस लौटना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही विज्ञान विकास का कारण हो सकता है मगर अब यही विज्ञान विनाश की ओर ले जा रहा है। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ही पूरे विश्व में गर्मी बढ़ रही है। कुवैत में जिस बिल्डिंग में आग लगने से 40 भारतीयों की मौत हुई है यह सब ग्लोबल वार्मिंग का ही नतीजा है।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं और भी बढ़ेगी। उन्होंने विश्व के वैज्ञानिकों से सवाल किया कि विश्व के जिन जंगलों में आग लगी क्या उसके कारणों की खोज की गई। क्या जले हुए जंगलों का पुनर्निर्माण करवाया गया। वहां पेड़ पौधे दोबारा लगाए गए। जंगलों में हुई भारी क्षति पर क्या कदम उठाए गए। उन्होंने कहा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।
विज्ञान विकास नहीं विनाश की तरफ ले जा रहा: स्वामी कैलाशपुरी
जंगल बारिश लाने में सहायक होते हैं। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि पृथ्वी को सुंदर बनाने के प्रयास होने चाहिए थे। लेकिन धरती के ही वैज्ञानिक पृथ्वी को उजाड़ने पर लगे हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्ग धरती पर ही मौजूद है हम सबको मिलकर ही प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व में कई देशों के बीच अभी भी युद्ध चल रहा है। मगर इस युद्ध को रोका जाना चाहिए था। मगर हथियारों और गोला बारूद की बिक्री के चलते ही ऐसा नहीं हुआ। इस लड़ाई के चलते अमेरिका और अन्य देशों के हथियार बिक रहे हैं। इस लड़ाई में इस बात का आकलन किया जा रहा है कि गोला बारूद से किस देश को कितना नुकसान हुआ और उसे कितने हथियार की जरूरत है।
स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि धरती एटमी बम के खतरे पर खड़ी है। यदि सोच ऐसी ही रही तो धरती का विनाश भी लाजमी है। आज युद्ध को रोकना चाहिए। क्या हम धरती का विनाश चाहते हैं यह हमें सोचना होगा। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि हम विनाश के करीब है। विज्ञान पृथ्वी के समक्ष बेहद छोटा है इसलिए विनाश को व्यापार न बनने दे। ऐसे तो धरती ही चली जाएगी। क्या वैज्ञानिक धरती को खत्म कर देना चाहते हैं।
स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि अंतरिक्ष में फैल रहे कचरे और गोला बारूद से ही पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग का खतरा झेल रहा है। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। इसलिए प्राकृतिक और प्राकृतिक घटनाएं लगातार धरती पर बढ़ रही है। अभी समय है कि विश्व के तमाम देश इस पर गहनता से चिंतन मंथन करें। वरना धरती को बर्बाद होने से कोई भी रोक नहीं पाएगा।