- बोले : जब भयानक आपदाएं आएंगी तब ना भारत झेल सकेगा और ना ही विज्ञान
Aaj Samaj (आज समाज), Swami Kailashpuri Ji Maharaj, प्रवीण वालिया, करनाल,24 नवम्बर :
भैरव अखाड़ा के सुप्रीमो स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने देश की नरेंद्र मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य की सरकार प्रकृति से छेड़छाड़ करना बंद करें।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रकृति से लगातार छेड़छाड़ हो रही है जिसका परिणाम केवल जनता को भुगतना पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि देश में आने वाले समय में भयानक आपदाएं आ सकती है जिस देश झेल नहीं पाएगा। स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा कि उत्तरकाशी में पहाड़ों को काटकर टर्नल बनाने का कार्य बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति गुस्से में है और 41 मजदूरों के फंसने की घटना भी इसी संदर्भ में घटित हुई है।
स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि टर्नल में फंसे सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर लौट आएंगे। मगर प्रकृति का गुस्सा भी सच्चा है इसे समझने की जरूरत है। स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा आपदा जब आती है तब इसे हम झेल नहीं पाते। यहां विज्ञान भी फेल हो जाता है। स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा कि लगता है राज्य व केंद्र सरकारों ने जोशीमठ और हिमाचल की घटनाओं से अभी तक सबक नहीं लिया। उन्होंने कहा यदि सबक लिया होता तो पहाड़ों से छेड़छाड़ नहीं करते। उन्होंने कहा कि मनुष्य को लाभ पहुंचाने के लिए पहाड़ों को काटकर टर्नल बनाना कहां तक तर्कसंगत है।
स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा कि भगवान केदारनाथ धाम में जब भयानक आपदा आई थी हमें तभी सबक लेने की जरूरत थी। मगर हम नहीं सुधरे। उल्टा चंद्रमा के दक्षिणी छोर पर पहुंच कर वहां भी छेड़छाड़ कर आए। चंद्रमा तो स्वयं भगवान शिव के माथे पर विराजमान है। फिर भी छेड़छाड़ नहीं हो रही हैं। हर साल उत्तराखंड हिमाचल महाराष्ट्र में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं मगर ईश्वर रचित पहाड़ों की खूबसूरती से लगातार छेड़छाड़ हो रही है। स्वामी केलाशपुरी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्कू इस बात को सुनिश्चित करें कि प्राकृतिक से खिलवाड़ अब बंद हो।
उन्होंने मोदी और राज्यों की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रकृति को मत छेड़ो इसमें ही इनकी खूबसूरती है। उन्होंने कहा यदि छेड़छाड़ करेंगे तो प्रकृति अपना गुस्सा जरूर दिखाएगी जिसे ना तो विश्व झेल सकेगा और ना ही भारत और ना ही विज्ञान। सब धरा का धरा रह जाएगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर टर्नल बनाने की प्रक्रिया तुरंत बंद होनी चाहिए ताकि पहाड़ों से छेड़छाड़ बंद हो सके। इसके लिए विकास का कोई और विकल्प तैयार करना चाहिए।
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