PM Modi Schedule, (आज समाज), नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वामित्व योजना के तहत आज संपत्ति मालिकों को 65 लाख संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्ड वितरित किए जाएंगे। कार्यक्रम 12.30 बजे रखा गया है स्वामित्व (गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर तकनीक के साथ मानचित्रण) पहल ग्रामीण भारत को बदलने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है।

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ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति मकसद

प्रधानमंत्री ने सर्वेक्षण के लिए नवीनतम ड्रोन तकनीक के जरिए गांवों में बसे हुए घरों के मालिक परिवारों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के मकसद से स्वामित्व योजना की शुरूआत की थी।

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योजना ने साबित किया है मील का पत्थर

स्वामित्व पहल के तहत, सरकार सटीक संपत्ति स्वामित्व डेटा प्रदान कर रही है, जिसमें स्पष्ट स्वामित्व रिकॉर्ड है। इससे से भूमि विवाद कम हो गए हैं। इस योजना ने भारत के ग्रामीण सशक्तीकरण और शासन की यात्रा में एक मील का पत्थर साबित किया है। यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुविधाजनक बनाने में भी मदद करती है और बैंक ऋण के माध्यम से संस्थागत ऋण को सक्षम बनाती है।

3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा

स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों संपत्तियों व संपत्ति कर के बेहतर मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करती है और व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना को यह सक्षम बनाती है। जानकारी के अनुसार 3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जो लक्षित गांवों के 92 फीसदी को कवर करता है। अब तक 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।

इन राज्यों में पूरी तरह लागू हो चुकी है योजना

स्वामित्व योजना हरियाणा, गोवा, उत्तराखंड पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और त्रिपुरा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ व कई केंद्र शासित प्रदेशों में भी ड्रोन सर्वेक्षण पूरे हो चुके हैं। पीएम मोदी ने 24 अप्रैल, 2020 (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) को इस योजना की शुरुआत की थी। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद उन्होंने 11 अक्टूबर, 2020 को संपत्ति कार्ड का पहला सेट वर्चुअल माध्यम से वितरित किया। योजना का उद्देश्य ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करना है।

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