नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की शोक सभा का आयोजन किया गया। दिवंगत सुषमा स्वराज की शोक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुषमा स्वराज याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि खुशी के पल को जीते-जीते उनका निधन हुआ। उनके जीवन के अनेक पहलू थे और वह विचारों की काफी पक्की थीं। उन्होंने खास तौर पर कहा कि पद से हटते ही उन्होंने सरकारी आवास तुरंत ही खाली कर दिया था जबकि सांसद जल्दी आवास खाली न हीं करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं और वेंकैया जी उनके पास गए और उन्हें कर्नाटक से चुनाव लड़ने के लिए मनाया, उस चुनाव का परिणाम निश्चित था, लेकिन उन्हें चुनौतियों का सामना करना पसंद था। इस अवसर पर उन्होंने विशेष तौर पर सुषमा स्वराज के बारे में कहा कि आमतौर पर विदेश मंत्रालय का मतलब कोट-पेंट-टाई इसी के आस का प्रोटोकॉल होता है।
लेकिन सुषमा जी ने इस प्रोटोकॉल की परिभाषा को पिपल्स कॉल में परिवर्तित कर दिया। वसुधैव कुटुंबकम को विदेश मंत्रालय कैसे सिद्ध कर सकता है, उन्होंने विश्वभर में फैले भारतीय समुदाय के लोगों के माध्यम से ये करके दिखाया। उन्होंने आगे कहा कि सुषमा जी का भाषण प्रभावी होने के साथ-साथ, प्रेरक भी होता था। सुषमा जी के वक्तव्य में विचारों की गहराई हर कोई अनुभव करता था, तो अनुभव की ऊंचाई भी हर पल नए मानक पार करती थी। ये दोनों होना एक साधना के बाद ही हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि सुषमा जी के व्यक्तित्व के अनेक पहलू थे, जीवन के अनेक पड़ाव थे और भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में एक अनन्य निकट साथी के रूप में काम करते हुए, असंख्य घटनाओं के हम जीवंत साक्षी रहे हैं। एक व्यवस्था के अंतर्गत जो भी काम मिले, उसे जी जान से करना और व्यक्तिगत जीवन में बड़ी ऊंचाई मिलने के बाद भी करना, ये कार्यकर्ताओं के लिए सुषमा जी की बहुत बड़ी प्रेरणा है।