Aaj Samaj, (आज समाज),Suraj School Balana ,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
सूरज स्कूल बलाना में शनिवार को एक कार्यक्रम आयोजित कर विद्यार्थियों को आर्य समाज के बारे में जानकारियां दी गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के चेयरमैन विजय यादव टुमना, संरक्षक महेन्द्र सिंह एवं प्राचार्य डॉ. एस.एस. यादव ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य हीरा लाल आर्य (हरीश मुनि) रहे।
आर्य समाज के सब सिद्धांत और नियम वेदों पर आधारित हैं – विजय यादव टूमना
उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते है उन सबका आदि मूल परमेश्वर है। वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तक है। वेदों का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना-सुनाना सब आर्या का परम धर्म है। सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के चेयरमैन विजय यादव टुमना ने बताया कि आर्य शब्द का अर्थ है श्रेष्ठ और प्रगतिशील। अतः आर्य समाज का अर्थ हुआ श्रेष्ठ और प्रगतिशीलों का समाज, जो वेदों के अनुकूल चलने का प्रयास करते हैं। दूसरों को उस पर चलने को प्रेरित करते हैं। आर्य समाजियों के आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम राम और योगीराज कृष्ण हैं। महर्षि दयानंद ने उसी वेद मत को फिर से स्थापित करने के लिए आर्य समाज की नींव रखी। आर्य समाज के सब सिद्धांत और नियम वेदों पर आधारित हैं।
अनुयायियों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बढ-चढ कर लिया भाग
प्राचार्य डॉ. एस.एस. यादव ने आर्य समाज के योगदान का जिक्र करते हुए बताया कि आर्य समाज शिक्षा, समाज-सुधार एवं राष्ट्रीयता का आंदोलन था। स्वदेशी आन्दोलन का मूल सूत्रधार आर्यसमाज ही है। उन्होंने बताया कि आर्य समाज ने भारत में राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है। इसके अनुयायियों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बढ-चढ कर भाग लिया।
इस दौरान विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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