कहा, जारी रहेगा संघर्ष, बॉर्डर खुलते ही करेंगे दिल्ली कूच
Punjab News,(आज समाज), पटियाला : गत दिव हरियाणा सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसानों में निराशा है। पंजाब व हरियाणा के बॉर्डर पर बैठे किसानों का कहना है कि एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की मांगों के अध्ययन के लिए स्वंतत्र कमेटी बनाने का ऐलान किया है। लेकिन ऐसी स्वतंत्र कमेटियां पहले भी किसान आंदोलन के दौरान बनाई गई थी जो बाद में औपचारिकता मात्र निकली।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान रणजीत सिंह सवाजपुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक स्वतंत्र कमेटी गठित करने की बात कही गई है। लेकिन यहां सवाल उठता है कि पहले किसान आंदोलन के वक्त भी एमएसपी व किसानों की अन्य मांगों संबंधी जरूरी बातें तय करने को एक कमेटी बनाई गई थी।
बाद में यह मात्र औपचारिकता साबित हुई थी। ऐसे में अब नई समिति बनाए जाने वाली कमेटी किस तरह से काम करेगी, इस पर संशय है। जिस सरकार की ओर से किसानों पर हमले करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जा रहा है। उसके नुमाइंदे से किसानों के हित में फैसले लेने की उम्मीद कम ही है।
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रदेश चेयरमैन सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराशा जरूर हुई है, लेकिन किसान हौसला नहीं हारे हैं। किसान पहले की तरह ही बॉर्डरों पर डटे रहेंगे और बॉर्डर खुलते ही दिल्ली के लिए कूच करेंगे। जत्थेबंदियों का रूख साफ है कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। फिर चाहे इसमें कितना ही समय क्यों न लग जाए।
13 फरवरी से आंदोलन कर रहे किसान
दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर 13 फरवरी को हरियाणा पुलिस द्वारा रोक लिया गया था। जिसके बाद किसानों ने शंभु व खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन शुरू कर दिया। किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के नुमाइदों के साथ किसानों की कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला है।