Supreme Court वक्फ एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 को करेगा सुनवाई

0
210
Supreme Court
Supreme Court: कोर्ट वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 अप्रैल को करेगा सुनवाई
  • केंद्र सरकार ने कैविएट आवेदन दायर किया 

Supreme Court On Waqf Act Petitions, (आज समाज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा। उधर केंद्र सरकार ने भी शीर्ष अदालत में कैविएट आवेदन दायर कर इस मामले में सरकार को भी सुनने का आग्रह किया गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। केंद्र ने कैविएट आवेदन में कहा है कि बिना सुनवाई के उसके खिलाफ कोई प्रतिकूल आदेश पारित न हो।

ये भी पढ़ें : PM Modi: वक्फ संशोधन विधेयक का संसद के दोनों सदनों में पारित होना महत्वपूर्ण क्षण

एक्ट को बताया है मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ अधिनियम को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें कहा गया था कि यह मुस्लिम समुदाय के प्रति भेदभावपूर्ण है और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे पहले संसद द्वारा दोनों सदनों में गरमागरम बहस के बाद पारित किया गया था।

ये भी पढ़ें : Dara Shikoh Foundation ने वक्फ संशोधन विधेयक पास होने पर पटाखे फोड़े, मिठाई बांटी

मामले में ये खटखटा चुके हैं शीर्ष कोर्ट का दरवाजा

आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के सांसद मोहम्मद जावेद और इमरान प्रतापगढ़ी, आप विधायक अमानतुल्लाह खान, सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद, संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क, इस्लामिक धर्मगुरुओं के संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, केरल सुन्नी विद्वानों के संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आॅफ इंडिया, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और एनजीओ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन आॅफ सिविल राइट्स पहले ही अधिनियम के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटा चुके हैं।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी दी है चुनौती

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भी इस अधिनियम को चुनौती देते हुए कहा कि वह संसद द्वारा पारित संशोधनों पर कड़ी आपत्ति जताता है, क्योंकि ये संशोधन मनमाने, भेदभावपूर्ण और बहिष्कार पर आधारित हैं। बिहार के राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा और फैयाज अहमद ने भी वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह मुस्लिम धार्मिक बंदोबस्त में बड़े पैमाने पर सरकारी हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान करता है।

ये भी पढ़ें : Amit Shah On Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक अन्याय और भ्रष्टाचार का अंत