नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधों को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर पर प्रतिबंधों को लेकर सख्त दिखा। कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की पाबंदियों और धारा 144 के खिलाफ याचिकाओं पर कई आदेश जारी किए। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर की पाबंदियों पर राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर प्रतिबंधों की समीक्षा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट पर अनिश्चित काल के लिए पाबंदी दूरसंचार नियमों का उल्लंघंन है। यही भी कहा कि राज्य में लगातार धारा 144 लागू करना भी सत्ता का उल्लंघन है। सभी आदेशों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का आदेश दिया और इंटरनेट के इस्तेमाल को संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकारों का हिस्सा बताया । न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा। पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबे वक्त तक इंटरनेट पर पाबंदी नहीं लगाया जा सकता। पाबंदियों की कोई पुख्ता वजह का होना जरूरी है। इसके अलावा कोर्ट ने धारा 144 पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में कहीं भी लगातार धारा 144 को लागू रखना सरकार द्वारा शक्ति का दुरुपयोग है।
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