नेपाल में आज कोर्टने बड़ा फैसला दिया। नेपाली की सर्वोच्च अदालत ने पीएम केपी शर्मा ओली के संसद भंग करने के फैसले को पलट दिया है। पीएम ने बीस दिसंबर को संसद भंग करने का फैसला लिया था जिसेअदालत ने आज पलट दिया। आज सदन भंग करने के मामले पर फैसला सुनाते हुए, मुख्य न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा के नेतृत्व वाली संवैधानिक पीठ ने फैसला दिया कि सरकार को तेरह दिन के अंदर सदन की बैठक बुलानी होगी। गौरतलब है कि नेपाल पीएम ने संसद भंग कर दी थी जिस पर कईसवाल उठे थे और नेपाल के संविधान के जानकारों ने कहा था कि ओली को ऐसा करनेका अधिकारी नहीं है। संसद भंग करने का फैसला ओली ने बीते 20 दिसंबर को लिया था। उधर प्रधानमंत्री ओली ने आरोप लगाया था कि उन्हें संसद भंग करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि पार्टी के भीतर नेता उन्हें अच्छे से काम नहीं करने दे रहे थे। नेपाली प्रधानमंत्री ओली के इस फैसले के खिलाफ सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्य सचेतक देव प्रसाद गुरुंग सहित कई अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में 13 याचिकाएं दायर की थीं। इन सभी याचिकाओं में नेपाली संसद के निचले सदन के बहाली की मांग की गई थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सुनाया है।