नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री आईएनएक्स मामले में गिरफ्तार हुए हैं फिलहाल वह सीबीआई रिमांड पर है। वह तिहाड़ जेल नहीं जाना चाहते हैं। अगर उनकी सीबीआई रिमांड बढ़ाई नहीं जाती है तब उन्हें तिहाड़ जेल जाना पड़ सकता है। पी. चिदंबरम की ओर से आवेदन में आईएनएक्स मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट से 2 सितंबर तक सीबीआई कस्टडी में ही रखने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि चिदंबरम की सीबीआई रिमांड की अवधि शुक्रवार को खत्म होने वाली है। लिहाजा उन्हें फिर से निचली अदालत में पेश किया जाएगा। अगर उनकी रिमांड बढ़ती नहीं है तो वह तिहाड़ जेल जा सकते हैं। चिदंबरम का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट सीबीआई रिमांड पर भेजने के आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेता तब तक वह कस्टडी में ही रहना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि कहा कि वह अपनी बात निचली अदालत में ही रखें। उल्लेखनीय है कि सीबीआई रिमांड पर भेजने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है। यदि उन्हें अग्रिम जमानत दी गई, तो इसका विजय माल्या, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, हाफिज सईद और जाकिर नाईक के मामलों पर भी असर पड़ेगा। ईडी ने फिर दोहराया कि चिदंबरम के खिलाफ ठोस साक्ष्य हैं। जांच एजेंसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ से कहा कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े बहुत सारे संवेदनशील हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रहा है। यदि चिदंबरम की जमानत याचिका को मंजूर किया गया तो यह माल्या, चोकसी के अलावा शारदा चिटफंड और आतंकी फंडिंग जैसे कई मामलों को प्रभावित करेगा। सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम के वकीलों कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी से बहस के दौरान मेहता ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग पूरे समाज, देश और अर्थव्यवस्था के खिलाफ अपराध है। मेहता ने पीठ से कहा कि आर्थिक अपराध एक गंभीर अपराध है, चाहे सजा कितनी भी हो।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, चिदंबरम की रिमांड 2 सितंबर तक बढ़ी
कोर्ट ने चिदंबरम को दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे। सूत्रों के अनुसार कोर्ट में खुद बहस करते हुए चिदंबरम ने कहा कि वह सोमवार तक सीबीआई हिरासत में रहना चाहते हैं लेकिन अगर सीबीआई पांच दिन की रिमांड मांगती है तो हम उसका विरोध करेंगे। इस पर जज ने कहा कि आप निर्णय न दें यह हमारा काम है और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की हिरासत 2 सितंबर तक बढ़ा दी है।