नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव रेप केस मामले को अति गंभीरता से लेते हुए तुरंत सभी संबंधित केस यूपी से बाहर दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया। कोर्ट ने उन्नाव केस में योगी सरकार को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि क्या इस मामले में कानून का पालन हो रहा है। उन्नाव मामले में ये क्या हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज पीड़िता की मां की चिट्ठी पर सुनवाई की। कोर्ट ने सबसे पहले मामले को विस्तार से सुना। पीड़िता के पिता की गिरफ्तारी कब हुई उनकी मौत कब हुई इन सभी बातों को सुना। कोर्ट ने पूछा कि अभी पीड़िता की मेडिकल हालत कैसी है? क्या उसे दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। कोर्ट ने दो बजे तक इस मामले में भी फैसला सुनाने की बात की। बता दें कि उन्नाव रेप केस में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं और जिस तरह से पीड़िता का एक्सीडेंट हुआ है उसमें भी सेंगर की भूमिका होने की बात की जा रही है। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की यह याचिका खारिज कर दी कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक के लिए स्थगित की जाए क्योंकि उन्नाव मामलों की जांच कर रहे अधिकारी दिल्ली से बाहर हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को बृहस्पतिवार को इससे अवगत करा सकते हैं। पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं।