Aaj Samaj (आज समाज), Supreme Court On Stubble Burning, चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों पर मुहर लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने पराली से संबंधित वित्तीय प्रोत्साहन देने के तरीके के लिए पंजाब को हरियाणा से सीख लेनी की नसीहत दी है। सीएम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि वास्तव में पराली के मामले में दोषी कौन है।
सीएम मनोहर लाल ने किया शीर्ष कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत
मनोहर लाल ने इस कठिन काम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अपने किसान भाइयों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लिया है और किसानों के सहयोग से ऐसी घटनाओं में कमी लाने में काफी सफलता पाई है। मनोहर लाल ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा है और इसके समाधान के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। पर दुख की बात है कुछ राजनीतिक दल और पड़ोसी राज्यों की सरकारें इस पर राजनीति कर रही हैं।
प्रदूषण के कारण कुछ जगह स्कूल बंद करने पड़े
पिछले दिनों प्रदूषण के कारण ऐसे हालात हो गए कि कुछ जगह स्कूल बंद करने पड़े, इसलिए फिर से ऐसे हालात पैदा न हों, इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पराली जलाने पर अंकुश लगाने और आग की घटनाओं को सक्रिय रूप से कम करने के सरकार द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों से पिछले वर्षों की तुलना में हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आई है, जबकि पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हैं।
प्रदेश में 39 फीसदी कम हुईं घटनाएं
सीएम मनोहर लाल ने बताया कि वर्ष 2021 में हरियाणा में पराली जलाने की 5993 घटनाएं सामने आईं जबकि 2022 में यह घटकर 3233 हो गईं। वहीं वर्ष 2023 में पराली जलाने की घटनाएं घटकर 1986 हो गईं। इस तरह वर्ष 2022 से 2023 के बीच हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 39 प्रतिशत की कमी आई है। हरियाणा की तुलना में पंजाब में वर्ष 2023 में पराली जलाने की 31932 घटनाएं सामने आई हैं। यही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण है।
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