Election Freebies, (आज समाज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी रेवड़ियों (चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के मुफ्त की योजनाओं के वादे) के मामले में चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कर्नाटक के शशांक जे श्रीधर ने इस संबंध में याचिका दायर कर चुनावी रेवड़ियों यानी फ्रीबीज को रिश्वत घोषित करने की मांग की है।
कैश के तौर मुफ्त गिफ्ट को रिश्वत करार देने की मांग
सीजेआई डीवाई चंद्रचुड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग और केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के वकील बालाजी श्रीनिवासन ने मांग की है कि लोकसभा या विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियां जो विशेष रूप से कैश के तौर मुफ्त गिफ्ट देने का वादा करती हैं, इसे रिश्वत देना करार दिया जाए।
नकदी वोट के लिए प्रलोभन
बालाजी श्रीनिवासन ने सोमवार को सीजेआई की पीठ के समक्ष चुनावी रेवड़ियों का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा विशेष रूप से नकदी के रूप में मुफ्त उपहारों देने के वादों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत प्रत्याशियों के लिए रिश्वत या वोट के लिए प्रलोभन माना जाए।
इलेक्शन कमीशन को यह निर्देश देने की मांग
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि शीर्ष कोर्ट इलेक्शन कमीशन को निर्देश दे कि वह चुनाव-पूर्व अवधि के दौरान पॉलिटिकल पार्टियों को चुनावी रेवड़ियों का वादा करने से रोकने के लिए तत्काल व प्रभावी कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने केंद्र व ईसी को नोटिस जारी कर इस मामले को लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता को कोर्ट ने छूट दी है कि वह सभी पिटीशंज पर जल्द सुनवाई के लिए मेंशन कर सकते हैं।
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