Supreme Court Verdict, (आज समाज), नई दिल्ली: हल्के मोटर वाहन (LMV) ड्राइविंग लाइसेंस होल्डर्स 7,500 किलोग्राम तक वजन के व्हीकल चला सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने लाइट मोटर व्हीकल (Light Motor Vehicle) लाइसेंसधारकों को इतने भार वाली गाड़ियां चलाने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले वर्ष 18 जुलाई को मामले से जुड़ीं 76 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की थी। बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से इस मामले में प्रमुख याचिका दायर की गई थी।
फैसला बीमा कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने आज यह फैसला सुनाया, जो बीमा कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है। मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा, ऐसा कोई डेटा नहीं है जो यह साबित करता हो कि हल्के मोटर वाहन लाइसेंस धारक ड्राइविंग देश में बढ़ते सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार हैं। पीठ ने अपने फैसले में यह भी कहा कि यह मसला एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस धारकों की रोजी-रोटी से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन की प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा है।
बीमे की रकम देने से बचने की कोशिश
बता दें कि बीमा कंपनियां (Insurance Companies) सड़क दुर्घटनाओं में एक निश्चित वजन के परिवहन वाहन (Transport Vehicle) के शामिल होने व चालकों के नियमों के अनुसार उन्हें चलाने के लिए अधिकृत नहीं होने पर दावे (Claim) खारिज कर रही थीं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीमा कंपनियों के लिए झटका माना जा रहा है। क्लेम खारिज करना बीमा कंपनियों की बीमे की रकम देने से बचने की कोशिश थी।
मार्च-2022 में संविधान पीठ के पास भेजा मामला
मार्च 2022 में इस मुद्दे को तीन जजों की पीठ ने संविधान पीठ के पास भेजा था। उस समय पाया गया था कि मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड मामले में अदालत के 2017 के फैसले में मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के कुछ प्रावधानों पर ध्यान नहीं दिया गया था जबकि यह माना गया था कि 7500 किलोग्राम से कम वजन वाला परिवहन वाहन एलएमवी होगा। पहले यह मामला सुरक्षा व रेगुलेटरी मुद्दों पर केंद्रित था। बाद में इसमें हजारों की संख्या में उन कामगारों की आजीविका को ध्यान में रखा गया, जो परिवहन उद्देश्यों के मकसद से एलएमवी चलाते हैं।
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