सबसे पहले संजय हेगडे ने अंग्रेजी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़कर सुनाया। बाद में साधाना रामचन्द्रन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हिंदी में बताया। उन्होंने कहा कि हबीब उल्लाह ने कहा कि वह इस संदर्भ में कोर्ट में आंदोलन करने का हक बरकरार रहना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सब की तरह उनके भी हक हैं जो और नागरिक हैं। हक वहीं तक होना चाहिए जहां तक दूसरे का हक न मारें। सबको मिलजुल कर रहना है। आंदोलन से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। आपका हक पूरा बरकार है। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इसका हल निकालें। क्या कोई यहां चाहता है कि दूसरों का हक मारा जाए। सभी ने इस पर नहीं कहा। हमारा देश हिंदुस्तान इसलिए है कि हम सबकी बात सुनी जाती है। बातचीत कर हम इसका हक निकालें कि पूरे विश्व के सामने इसकी मिसाल बने और सभी कहें कि ये है हिंदुस्तान जो अपने हक के साथ दूसरों के हक के बारे में भी सोचता है। लेकिन इसके साथ ही साधना रामचंद्रन ने कहा कि मीडिया के सामने हम बात नहीं करेंगे। यहां मीडिया को लेकर भी सवाल उठाए गए। जबकि आंदोलकाकरियों की ओर से कहा गया कि मीडिया आपको किसी तरह से डिस्टर्बसं नहीं करेंगे। अगर इनकी ओर से किसी तरह का भी डिस्टर्बसं हुआ तो हम मीडिया को बाहर कर देंगे। साधना रामचंद्रन ने कहा कि हम यहां आपके साथ कोई फैसला करने नहीं आए हैं। हम केवल बातचीत करने आए हैं और आपके सवाल सुनने आए हैं।