Marital Rape Case, (आज समाज), नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज वैवाहिक दुष्कर्म मामले में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने मैरिटल रेप यानी वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने की मांग की है। चार सप्ताह बाद दूसरी पीठ मामले की सुनवाई करेगी। इसकी वजह मामले पर सुनवाई शुरू करने वाली पीठ की अध्यक्षता कर रहे सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की रिटायरमेंट है। उनकी सेवानिवृत्ति से पहले फैसला आने की संभावना नहीं है।
सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर होंगे
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, यदि इस हफ्ते बहस पूरी नहीं हो पाती है तो अगले महीने 10 नवंबर कोउनकी सेवानिवृत्ति से पहले मामले पर फैसला मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, अगले हफ्ते दिवाली की छुट्टियां भी हैं जिसके कारण कोर्ट बंद रहेगी। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, समय के अनुमान पर अगर गौर करें तो निकट भविष्य में सुनवाई पूरी करना संभव नहीं होगा। मामले को नए सिरे से सुनवाई के मकसद से दूसरी बेंच के समक्ष रखा जाएगा। पीठ के इस आदेश पर शंकरनारायणन ने कहा, हम यहीं सुनवाई जारी रखना चाहते थे। मामले को स्थगित करना हमारे लिए दुख क बात है।
17 अक्टूबर को 3 घंटे चली सुनवाई
वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने से जुड़ी याचिकाओं पर इससे पहले पिछले सप्ताह गुरुवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने तीन घंटे तक सुनवाई की। केस में 2 याचिकाकर्ता-एक एडवोकेट करुणा नंदी और दूसरे याचिकाकर्ता एडवोकेट कॉलिन गोंजाल्विस हैं। करुणा नंदी ने 17 अक्टूबर को कहा था कहा था, पत्नी के साथ जबरन संबंध बनाने में पति को केवल इसलिए छूट मिल रही, क्योंकि पीड़ित पत्नी है। उन्होंने कहा था कि यह जनता बनाम पितृसत्ता की लड़ाई है, इसलिए हम कोर्ट में आए हैं।
यह भी पढ़ें : IMF Report: भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की राह पर बरकरार