नई दिल्ली। आम आदमी अपनी गाढ़ी कमाई अपना घर खरीदनें में लगा देता है। लेकिन बिल्डर्स अपने फायदे के लिए आम आदमी की कमाई और उसका पैसा दोनों दबा कर बैठ जाते हैं। लगातार बिल्डर्स की शिकायत आने पर एक समिति का गठन किया गया। जो इन रियल स्टेट पर नियंत्रण रख सके। अब सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले में समूह की सभी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने का आदेश दिया। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने निर्देश दिया कि ईडी आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ विस्तृत जांच करे। सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रोजेक्ट्स को पूरा करके उनके खरीददारों को देने का निर्देश दिया है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों के आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थता जताने के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों प्राधिकरणों ने एक उच्च शक्ति प्राप्त निगरानी समिति की देखरेख में इन अटकी पड़ी परियोजनाओं को किसी प्रतिष्ठिक बिल्डर को सुपुर्द करने का समर्थन किया था। दोनों ने इस तरह की परियोजनाओं को पूरा करने में संसाधन और विशेषज्ञता की कमी बताते हुए इन्हें पूरा करने से इंकार कर दिया था।
शीर्ष न्यायालय ने आठ मई को कहा था कि वह समूह की सभी 15 प्रमुख आवासीय परिसंपत्तियों पर मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दे सकती है क्योंकि वह 42,000 घर खरीदारों के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा है।