Supreme Court changed the decision, now hearing on Chidambaram’s petition on Tuesday: सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला, अब मंगलवार को होगी चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई

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नई दिल्ली। पी चिदंबरम के लिये अंतरिम जमानत के आग्रह पर विचार करने के निचली अदालत को आदेश के चंद घंटों बाद ही शीर्ष अदालत ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर इसमें संशोधन कर दिया। न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि सालिसीटर जनरल के अनुरोध पर विचार किया गया है और इस मामले में अब बृहस्पतिवार की जगह मंगलवार को सुनवाई की जायेगी। बता दें  आईएनएक्स मीडिया केस में आज पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई रिमांड खत्म हो रही थी। पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली की सीबीआई अदालत ने हिरासत अवधि तीन दिनों के लिए बढ़ा दी थी जिसकी वजह से उन्हें सीबीआई हिरासत में रहना पड़ा था। अब दो सितंबर को इसकी अवधि खत्म हो चुकी है। सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई और पी. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पुलिस रिमांड और गैर-जमानती वारंट जारी करने के खिलाफ सुनवाई के दौरान कहा- ‘वह (चिदंबरम) एक 74 वर्षीय व्यक्ति है, उनको हाउस अरेस्ट रखा जाए, किसी को कोई पूर्वाग्रह नहीं रहेगा।’सुप्रीम कोर्ट ने सीनियर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अतंरिम जमानत के लिए संबंधित कोर्ट जाने कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल नहीं भेजा जा सकता और अगर ट्रायल कोर्ट उनकी जमानत याचिका खारिज करता है तो चिदंबमर की सीबीआई कस्टडी गुरुवार तक बढ़ा दी जाएगी। हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए एजेंसी ने कहा कि हरसंभव प्रयासों के बाद भी जांच उनके असहयोगात्मक रवैए के कारण पूरी नहीं हो सकी। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने कहा कि चिदंबरम से आंशिक रूप से पूछताछ की गयी है तथा उन्हें और दस्तावेज दिखाने हैं। न्यायाधीश ने सीबीआई से सवाल किया कि उसे क्यों चिदंरबम से पांच दिन और पूछताछ करने की जरूरत है। उन्होंने केस डायरी भी दिखाने को कहा। जब एएसजी ने उनसे कहा कि काफी दस्तावेज हैं तो न्यायाधीश ने कहा, ”आप दस्तावेजों की संख्या से अवगत थे, आपने पहली बार सिर्फ पांच दिनों की हिरासत अवधि की ही क्यों मांग की, दूसरी बार भी आपने सिर्फ पांच दिन ही मांगा। यह रूख क्यों। नटराज ने जवाब दिया कि यह इस बात पर निर्भर था कि चिदंबरम सवालों के जवाब किस प्रकार देते हैं।न्यायाधीश ने केस डायरी पर गौर करने के बाद कहा कि आपने हिरासत में और पूछताछ के लिए जो आधार दिया है, वह अस्पष्ट है। अदालत ने कहा कि सीबीआई को हिरासत में पूछताछ के लिए पहली बार में ही 15 दिनों की मांग करनी चाहिए थी। सीबीआई ने कहा कि चिदंबरम सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं हालांकि उनसे हर दिन 8-10 घंटे पूछताछ की गई। एएसजी ने कहा कि उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का आधार है। उन्होंने आगे कहा कि चिदंबरम ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष सहमति व्यक्त की थी कि अगर सीबीआई की हिरासत सोमवार तक बढ़ा दी जाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।