Supreme Court Army News: महिला सैन्य अफसरों की प्रमोशन मामले में सेना पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना का आरोप

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Supreme Court Army News
सुप्रीम कोर्ट।

Aaj Samaj (आज समाज), Supreme Court Army News, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सेना पर महिला सैन्य अधिकारियों को प्रमोशन और कर्नल रैंक के पैनल में शामिल करने के अपने आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ लेफ्टिनेंट कर्नल नितिशा बनाम भारत संघ मामले में अदालत के फैसले के कार्यान्वयन के लिए महिला सैन्य अधिकारियों द्वारा दायर आवेदनों पर सुनवाई कर रही थी।

न्याय प्रदान करने की आवश्यकता के साथ अन्याय किया

पीठ ने कहा कि सेना द्वारा अपनाए गए मानदंडों ने महिला अधिकारियों को न्याय प्रदान करने की आवश्यकता के साथ अन्याय किया है, जिन्होंने अपने पुरुष समकक्षों के रूप में उचित अधिकार प्राप्त करने के लिए लंबी और कठिन लड़ाई लड़ी। पीठ ने कहा कि स्थायी कमीशन देने के मानदंड, हालांकि चेहरे पर तटस्थ थे, वास्तव में अप्रत्यक्ष रूप से ये भेदभावपूर्ण हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि महिला अधिकारियों को कर्नल के रूप में सूचीबद्ध करने से इनकार करने का सेना का रवैया मनमाना है।

विशेष चयन बोर्ड को फिर से बुलाने का निर्देश

साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों को उनकी पदोन्नति के लिए विशेष चयन बोर्ड को फिर से बुलाने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि कर्नल के रूप में पैनल में शामिल होने के लिए महिला अधिकारियों के लिए गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) की गणना के लिए जो कट आॅफ लागू किया गया है, वह मनमाना है क्योंकि यह इसके विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा निर्धारित नीतिगत ढांचा यह स्पष्ट करता है कि नौ साल की सेवा के बाद सभी सीआर पर विचार किया जाना आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को भी खारिज कर दिया कि अधिकारियों को समायोजित करने के लिए रिक्तियों की संख्या अपर्याप्त है।

आर्मी 15 दिन में फिर शुरू करे चयन बोर्ड गठित करने की प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, विशेष चयन बोर्ड 3बी (कर्नल के रूप में पदोन्नति के लिए) को इस फैसले से 15 दिन के भीतर फिर से गठित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। पिछले दो सीआर को छोड़कर सभी सीआर ध्यान में रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जून 2021 की कट आॅफ पर विचार किया जाना चाहिए।

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