Supreme Court allows, Iltija will meet her mother Mehbooba Mufti, will know the health situation: सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत, इल्तिजा मिलेंगी अपनी मां महबूबा मुफ्ती से, जानेंगी स्वास्थ्य का हाल

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल- 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए वहां के कुछ नेताओं और अलगावादी नेताओं को नजरबंद कर दिया था। नजरबंद नेताओं में महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला सरीखे नेता शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को अपनी मां महबूबा से मिलने की इजाजत दी। महबूबा मुफ्ती की बेटी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से हिरासत में बंद अपनी मां से मिलना चाहती हैं। बेटी इल्तजा को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनकी मां महबूबा मुफ्ती से मिलने की इजाजत दे दी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को निजी तौर पर अपनी मां से मिलने के लिए चेन्नई से श्रीनगर की यात्रा करने की इजाजत दी। हालांकि, अदालत ने कहा कि वह श्रीनगर के अन्य हिस्सों में जा सकती हैं, लेकिन अगर जरूरत पड़े तो उन्हें इसके लिए अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में इल्तिजा ने अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। जिसके बाद उनकी याचिका को बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे तथा न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था। उनकी ओर से पेश अधिवक्ता आकर्ष कामरा ने कहा कि याचिका में जिस तरह की राहत मांगी गई है, वह ठीक वैसी ही है जैसी कि माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को 28 अगस्त को शीर्ष अदालत ने उनके बीमार पार्टी सहकर्मी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने के लिए दी थी। वहीं दूसरी ओर, कश्मीर में पाबंदियों को लागू हुए एक महीना पूरा हो गया है और घाटी में तनावपूर्ण शांति तथा अनिश्चितता की स्थिति अब भी बनी हुई है। वहीं चार अगस्त की आधी रात को संचार माध्यमों पर लगाए गए प्रतिबंधों और अन्य पाबंदियों में जम्मू और लद्दाख क्षेत्र में राहत दी गई है जहां अपेक्षाकृत हालात बेहतर हैं। राज्य प्रशासन कह रहा है कि उसने श्रीनगर और कश्मीर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में दिन के वक्त लोगों की आवाजाही पर लगीं लगभग सभी पाबंदियों में ढील दे दी है लेकिन आम जन-जीवन अब भी प्रभावित है और दुकानें बंद हैं और छात्र शैक्षिक संस्थानों से दूर हैं।