नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज टिप्पणी की कि युद्ध के दौरान, आप अपने सैनिकों को दुखी नहीं रख सकते। केंद्रसरकार थोड़ा आगे बढ़ते हुए उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए कुछ अतिरिक्त पैसे दें।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार को यह मुद्दा सुलझाना चाहिए। इसमेंकोर्ट को शामिल नहीं होना चाहिए । सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसमेंकहा गया था कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे कुछ डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी गई है और कुछ की सैलरी कम करके दी गईहै। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण, एसके कौल और एमआर शाह की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की और कहा कि ‘युद्ध के समय, आप अपने सैनिकों को नाखुश नहीं करते। कोरोना के खिलाफ लड़े जा रहे इस युद्ध में असंतुष्ट सैनिकों (डॉक्टरों) को देश बर्दाश्त नहीं कर सकता है।’वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता जो केंद्र की ओर से प्रस्तुत हुए थे, ने कहा कि बेहतर सुझाव सामने आते हैं, तो उन्हें समायोजित किया जा सकता है। बेंच ने कहा कि दिल्ली में कुछ डॉक्टरों को पिछले तीन महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। ये चिंताएं हैं जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए अदालत के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।’