Haryana News हरियाणा की रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी

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सुप्रीम कोर्ट ने 2005 के नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस केस में सुनाया फैसला
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाण की रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा को बरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस अधिकारी भारती अरोड़ा ने जिस आरोपी को बचाने की कोशिश की थी वह सच में ही निर्दोष था। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली 3 न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया।

अदालत ने यह भी कहा कि कुरुक्षेत्र की विशेष अदालत की ओर से अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय गलत था। अदालत ने कहा कि वह फैसला बिना विवेक लिया गया था। पीठ ने कहा, यह स्पष्ट है कि विशेष न्यायाधीश ने प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया है।

यह था मामला

भारती अरोड़ा 21 मई 2004 से 18 मार्च 2005 तक कुरुक्षेत्र में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात रहीं। इस बीच 6 जनवरी 2005 को विवाद तब पैदा हुआ जब पुलिस ने रण सिंह नामक व्यक्ति को 8.7 किलोग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया। भारती ने जांच का आदेश दिया, जिसमें पाया गया कि रण सिंह को झूठा फंसाया गया था और पुलिस ने कुरुक्षेत्र के विशेष न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर उसे बरी करने की मांग की। हालांकि, कुरुक्षेत्र के विशेष न्यायाधीश ने 22 फरवरी, 2007 को रण सिंह को दोषी ठहराया और उन तीन लोगों (सुरजीत सिंह, अंग्रेज सिंह और मेहरदीन) को बरी कर दिया, जिन्होंने कथित तौर पर उस गाड़ी में अफीम रखी थी।

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