वन मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जनता कफ्र्यू का आह्वान किया है। उन्होंने जिला के एक-एक व्यक्ति को इसका समर्थन करने का आग्रह किया है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे रविवार को प्रातः 7 बजे से सांय 9 बजे तक अपने घरों में ही रहें, वहीं से कार्य करें। यह सावधानी सभी को बरतनी होगी। सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रखें जाएं। सायं नौ बजे के बाद भी बाहर न घूमें और घर पर ही रहे। उन्होेंने कहा कि एक दिन घर में रहने से व्यक्ति को कोरोना से दूर रहने के लिए वांछित 36 घण्टे का समय मिल जाएगा। इतने समय में कोरोना वायरस को मानव शरीर न मिलने वह वह स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। इसकी चेन आगे नहीं बढ़ पाएगी। इसलिए आवश्यक है कि एक-एक व्यक्ति जनता कफ्र्यू का पालन करे।
नग्गर खण्ड में 64 स्वास्थ्य टैस्ट की निःशुल्क सुविधा
गोविंद ठाकुर ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत जिला के नग्गर चिकित्सा खण्ड को 64 प्रकार के निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए चयनित किया गया है। यह सुविधा गत 23 जनवरी से प्रदान की गई है और नग्गर खण्ड को पायलट आधार पर चयनित किया गया है। उन्होंने लोगों से इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की है। इसके लिए दो हब बनाए गए हैं मनाली तथा नग्गर। नेहरू युवा केन्द्र के वालन्टियरों द्वारा पल्चान, जगतसुख तथा ब्राण में जो सैम्पल लिए जा रहे हैं इनकी रिपोर्ट उसी दिन मनाली अस्पताल में दी जा रही है। इसी प्रकार, रायसन, नग्गर तथा पतली कूहल से लोगों के नमूने एकत्र करके नग्गर अस्पताल में जमा करवाकर उसी दिन रिपोर्ट उपलब्ध करवाई जा रही है। टैस्ट करवाने के लिए रक्त और पेशाब के नमूने 12.30 बजे लिए जा रहे हैं और लोगों को खाली पेट आने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि अगले माह राज्य की टीम नग्गर में इस पायलट प्रोजेक्ट का जायजा लेने आएगी जबकि मई माह में केन्द्रीय दल स्वयं इसकी सफलता को देखने के लिए आएगा।
अस्पतालों में खांसी जुकाम के उपचार की अलग से सुविधा
खण्ड चिकित्सा अधिकारी रणजीत सिंह ने वन मंत्री को अवगत करवाया कि मनाली अस्पताल में खांसी, जुकाम व बुखार के मरीजों के इलाज के लिए अलग से कक्ष स्थापित किया गया है। उन्होंने लोगोें से आग्रह किया कि हल्की खांसी, जुकाम के लिए अस्पताल न आए, घर पर ही एतिहाती उपाय करें। अस्तपाल में अनावश्यक भीड़ से अन्य लोग भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मास्क की आवश्यकता केवल खांसी और जुकाम की स्थिति में ही पड़ती है, अन्यथा हर समय मास्क पहनना आवश्यक नहीं है