Sunday Guardian Foundation organized conclave on the issue of India-US relations and global security challenges: भारत-अमेरिका संबंधों एवं वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के मुद्दे पर संडे गार्डियन फाउंडेशन ने किया कॉन्कलेव का आयोजन

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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे पर बुधवार को संडे गार्डियन फाउंडेशन ने दिल्ली के ताज पैलेस होटल में कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस दौरान भारत-अमेरिका रक्षा समझौते को लेकर बात हुई साथ ही साथ दोनों देशों के रक्षा विशेषज्ञ और पॉलिसी निर्माताओं ने वैश्विक आंतकवाद और दोनों देशों के बीच आपसी सामन्जस्य को लेकर चर्चा की. इस मौके पर आईटीवी नेटवर्क के फाउंडर और प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने भारत और अमेरिका के बीच डिफेंस और वैश्विक चुनौतियों की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि दोनों महाशक्तियों को मिलकर इन वैश्विक समस्याओं पर आपसी सामन्जस्य और तालमेल के साथ काम करने की आवश्यक्ता है.कार्यक्रम की शुरूआत सेंट्रल हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स और सिविल एविएश मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने की.

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच इस समय बेहतरीन रिश्ता है. उन्होंने कहा कि हाउसिंग और अर्बन अफेयर मामले को लेकर भी दोनों देशों ने कुछ कार्यक्रम चलाएं हैं जो सफलतापूर्वक चल रहे हैं. वैश्विक आंतकवाद के मुद्दे पर हरदीप सिंह पुरी ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि दुनिया का एक देश है जो आतंकवाद को राजनीतिक योजना की तरह दुनियाभर में इस्तेमाल करता है. अमेरिका के साथ संबंधों के मुद्दे पर अपने विचार रखने मंच पर बीजेपी के गद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीओके को पाकिस्तान से छीनकर लाने के लिए जरूरी है कि हम अफगानिस्तान को बचाएं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोग बहुत व्यवहारिक होते हैं जो एक हाथ से ले और एक हाथ से दे वाली पॉलिसी में भरोसा करते हैं. हमें अमेरिका से उसी पैटर्न पर बात करनी चाहिए. हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम अच्छे दोस्त बनें और साथ मिलकर काम करें.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी भी कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों महाशक्ति हैं औऱ दोनों रक्षा सहयोग की मिसाल दुनियाभर के सामने पेश कर सकते हैं. द्विपक्षीय व्यापार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सिविक लिबर्टी या H1B वीजा जैसे मुद्दे कभी भी आसानी से सुलझाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि तकनीक, रक्षा, सैन्य और इंटेलिजेंस के मुद्दे पर दोनों देश आपसी सहयोग को और आगे ले जा सकते हैं.