गर्मी के मौसम में पसीना आम बात है जिसकी बजह से बार बार मूड खराब हो जाता है / गर्मियों में देर रात पार्टियाँ ,खुले आसमान के नीचे स्वच्छंदता से घूमना फिरना ,शादी बिबाह समारोहों में दस्तक और गीत संगीत के समारोह दैनिक दिनचर्या का हिस्सा माने जाते है / मौसम के मिज़ाज़ की बजह से हम ज्यादतर हलके और आरामदेह कपड़े जैसे की हाफ पैंट , शर्ट पहनने को प्राथमिकता देते हैं जिसकी बजह से शरीर के ज्यादातर अंग नंगे रहते हैं तथा सूरज की किरणों की सीधी मार झेलते हैं /
गर्मियों में धूल, मिट्टी, गन्दगी, पसीना, शाम तक पूरे शरीर को बदबूदार बना देते है ऐसे में आपके शरीर के नेचूरल कैमिकल्स के साथ मेल खाते परफ्यूम आपके लिए सबसे बेहतर साबित होंगे। परफ्यूम का सही चयन आपके व्यक्तित्व से जुड़ जाता है तथा आपके लाईफ स्टाईल की निशानी बन जाता है। गर्मियेां में खुशबू तेजी से छूमंतर हो जाती है इसलिए ऐसे में फूलों को खुशबू वाले परफ्यूम आपके मूड को बुलन्द करेेंगे तथा मौसम के हिसाब से सबसे बेहतर साबित होंगे गर्मियों में हम अक्सर ज्यादातर समय पार्टियों, घूमने-फिरने, पहाड़ों तथा समुंद्र किनारे वक्त गुजारने तथा खाने-पीने में ज्यादा मशगूल रहते हैं तथा हमारे ज्यादातर अंग नंगे रहते है जिन पर सूरज की किरणें सीधी पड़ती हैं। ऐसे में सही परफ्यूम का चुनाव मुश्किल हो जाता है। गर्मियों में उच्च सान्द्रता के शुद्ध परफ्यूम का चयन करना चाहिए ताकि यह गर्मी तथा आर्द्रता झेल सके। गर्मियों में आपके अपने व्यक्तित्व में मेल खाता परफ्यूम चुनना चाहिए जोकि लम्बे समय तक खुशबू प्रदान कर सके।
गर्मियों में जीवन्त, तरोताजा रहना काफी कठिन होता है तथा हम जयादातर समय ठण्डक की तलाश में रहते है। गर्मियों में पसीने की बदबू जहां हमारा मूड खराब कर देती है वहीं दूसरी ओर उससे आदमी असहज महसूस करता है तथा पसीने की दुर्गन्ध से उसे कई बार शर्मिन्दगी झेलनी पड़ती है। हालांकि शरीर से पसीना आना प्राकृतिक प्रक्रिया है लेकिन जब यह पसीना बैकटीरिया से मिलता है तो दुर्गन्ध पैदा होती है डीओडरैन्ट, टैल्कम पाउडर तथा परफ्यूम का सही चुनाव पसीने की दुर्गन्ध से छुटकारा पाने में मददगार साबित होते है।
ज्यादातर डीओडरैन्ट शरीर से पसीने को रोकने का काम करते है तथा ऐसे में रोल-आन की बजाय स्पे्र ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। गर्मियों के मौसम में हल्की खुशबू का डियोडरैन्ट ज्यादा असरदायक माना जाता है। क्येांकि तेज खुशबू वाले पसीने को रोकने वाले डियोडरैन्ट के प्रयोग से त्वचा में जलन या रिएक्शन हो सकता है। ज्यादातर परफ्यूम के नियमित प्रयोग से पहले उन्हें शरीर के छोटे से हिस्से पर प्रयोग में लाना चाहिए तथा अगर त्वचा पर जलन झन-झनाहट, सिहरन महसूस हो तो ऐसे परफ्यूम का उपयोग तत्काल बन्द कर देना चाहिए। कुछ लोग टैल्कम पाउडर काफी उपयोग करते है। हालांकि हाइजीन की दृष्टि से टैल्कम पाउडर ज्यादा उपयोगी नहीं माने जाते है लेकिन वह पसीने को तत्काल सोख लेते है शरीर में ताजगी का अहसास दिलाते है। गुलाब, चन्दन तथा खस प्राकृतिक कूलन्ट माने जाते हैं इसलिए इनके घटकों से बने पाउडर या डीयोडरैन्ट गर्मियों में ज्यादा उपयोगी माने जाते है। बाजार में बिकने वालें ज्यादा परफ्यूम रसायनिक पदार्थो के मिश्रण से बने होते है। इनमें सुगन्धित तेलों को सिन्थेटिक सामग्री से मिश्रित किया जाता है तथा उन्हें विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त की गई खुशबू से बनाया जाता है।
सही परफ्यूम का चयन करती बार कुछ चीजों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। जिसमें शारीरिक केमिस्ट्री सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि व्यक्तित्व पसन्द/नापसन्द काफी अहम भूमिका अदा करती है। इसलिए परफ्यूम को अपनी त्वचा पर परीक्षण के बाद ही प्रयोग में लाना चाहिए। परफ्यूम की सही खुशबू का अन्दाजा त्वचा के सम्पर्क में आने से ही महसूस किया जा सकता है। परफ्यूम को सूंघने से कतई फायदा नही होता बल्कि ज्यादा परफ्यूम सूंघने से आपके सूंघने की प्रणाली गडबड़ा जाएगी।
मौसम या वातावरण सही परफ्यूम चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। आर्द्रता भरें गर्म वातावरण में हल्के तथा ताजा खुशबू वाले परफ्यूम बेहतर परिणाम देते है क्येांकि इस मौसम में परफ्यूम का प्रभाव प्रचण्ड हो जाता है। तेज खुशबू वाले परफ्यूम आपको असहज कर सकते है तथा कई बार सरदर्द का कारण भी बन जाते है। ठण्डे तथा शुष्क वातावरण में तेज खुशबू वाले परफ्यूम प्रभावकारी साबित होते है। गर्मियों के मौसम में गुलाब, चन्दन, लैवंडर तथा लेमन खुशबू वाले परफ्यूम हल्कें तथा ताजगी भरे महसूस होते है। परफ्यूम के चयन में वक्त भी महत्वपूर्ण माना जाता है। दिन के समय में हल्के परफ्यूम उपयोग में लाने चाहिए।
– लेखिका अन्र्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ है तथा हर्बल क्वीन के नाम से लोकप्रिय है।
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