Aaj Samaj (आज समाज), Summer Baby Care Tips, अंबाला :
सर्दी हो या गर्मी बच्चे के लिए हर मौसम किसी न किसी परेशानी परेशानियों का कारण बन जाता है। इस मामले में मैंने अपनी अनुभवी मां को कहते हुए सुना था कि मौसम कोई भी हो शिशु हो या बच्चा दोनों के लिए मौसम के हिसाब से एडजस्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है, जबतक कि वह 10-12 साल का न हो जाए। क्योंकि 10-12 साल तक उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से मजबूत नहीं हो पाती हैं। इसलिए वह जल्दी बीमार पड़ जाते हैं।। गर्मियों में बच्चों की देखभाल करने के बारे में कुछ ऐसे आसान उपायों के बारे में बताएंगे, जिसकी सहायता से आप बच्चों को बीमार होने से बचा सकती हैं।
ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं
अक्सर मां जाड़े के मौसम में भारी स्वेटर पहनाने की आजादी से खुश होकर शिशु हो या बच्चा उसको हर स्टाइल के कपड़े पहनाने लगती हैं। इसके फलस्वरूप तेज गर्मी के कारण घमौरी जैसी आम स्किन संबंधी समस्याओं से बच्चों को परेशान होना पड़ता है। गर्मी के मौसम में हमेशा ढीले-ढाले और मुलायम कपड़े पहनाने चाहिए ताकि उनकी नाजुक त्वचा को किसी प्रकार का नुकसान न हो।
सूती कपड़े पहनाएं
सिंथेटिक या टेरिकॉट कपड़े देखने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन इससे बच्चों की नाजुक त्वचा को तकलीफ होती है। सिंथेटिक या टेरिकॉट कपड़े शरीर से गर्मी बाहर निकलने नहीं देते हैं, जिसके कारण घमौरी या रैशेज बच्चों के शरीर में निकलने लगते हैं। इसलिए हमेशा सूती और मुलायम कपड़े ही पहनाने चाहिए।
मसाज के लिए सही तेल का करें चुनाव
गर्मी के दिनों में कौन-सा तेल लगाना शिशु के लिए अच्छा होता है, इस बारे में डॉक्टर से पूछ लेना सेफ होता है। लेकिन तेल लगाकर लंबे समय तक यूं ही न रखें तुरन्त अच्छी तरह से नहला दें ताकि त्वचा के रोम छिद्र खुले रहें।
केमिकल फ्री साबुन या शैंपू का करें इस्तेमाल
बच्चे के लिए हमेशा गर्मी हो या सर्दी केमिकल फ्री साबुन या शैंपू का इस्तेमाल ही करना चाहिए। इससे उनकी स्किन को नुकसान नहीं पहुँचता है।
एसी वातावरण
आजकल तो हर घर में एसी लगा होता है। गर्मी शुरू हुई नहीं कि खुद को एसी में बंद कर लेते हैं। बच्चों को भी एसी में ही ज्यादा देर तक रखते हैं, जिससे उनका शरीर एसी में ही एडजस्ट हो जाता है। एसी से बाहर ले जाने पर वह बेचैन हो जाते हैं या बाहर की गर्मी से उनके शरीर में रैशेज निकलने लगते हैं। इसके अलावा एसी के अंदर और बाहर के वातावरण में उनको बार-बार करने की गलती न करें, इससे बच्चे को सर्दी-खांसी की समस्या हो सकती है। एसी में भी तापमान को ज्यादा बढ़ाकर न रखें।
खाने-पीने की तरफ दें ध्यान
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आहार से पेट का रिश्ता सीधा जुड़ा होता है। खाना सही होगा तो पेट भी ठीक रहेगा। गर्मी के मौसम में बच्चों को दस्त, उल्टी, पेट दर्द और बदहजमी जैसी समस्याएं बहुत होती हैं, इसलिए इन बातों का रखें ध्यान
पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाएं
शिशु हो या बच्चा उसको हमेशा हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। उसको हमेशा पानी, घर का बना फलों का रस आदि देते रहें। बच्चों को हमेशा उबला हुआ ही पानी पिलाना चाहिए ताकि उसमें किसी भी प्रकार की अशुद्धता न हों। कितना भी फिल्टर किया हुआ पानी हो, उसको उबालकर ठंडा करने के बाद ही पिलाएं।
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