Sumitra Ahlawat Patron Of Arya Samaj Model Town : आधुनिक समाज को प्राचीन संस्कृति के साथ जीना सीखा रहा आर्य समाज मॉडल टाउन पानीपत 

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Sumitra Ahlawat Patron Of Arya Samaj Model Town
Sumitra Ahlawat Patron Of Arya Samaj Model Town
  • अगले महीने दिव्यांग स्कूल करेंगे शुरू, इसमें 53 दिव्यांग रजिस्टर्ड, संस्था का लक्ष्य 100 के पार
Aaj Samaj (आज समाज),Sumitra Ahlawat Patron Of Arya Samaj Model Town पानीपत : वर्तमान दौर में आर्य समाज संस्थाएं हमारी प्राचीन संस्कृति और आधुनिकता के बीच की वो कड़ी है, जो आधुनिक समाज को प्राचीन संस्कृति के साथ जीना सीखा रही हैं। मौजूदा पीढ़ी पर पश्चात्य संस्कृति का प्रभाव इस कदर बढ़ता जा रहा है कि वो अपने संस्कारों से विमुख होती जा रही है। ऐसे में आर्य समाज युवा पीढ़ी को अपनी परम्पराओं से जोड़े रखने के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। आर्य समाज मॉडल टाउन पानीपत भी अपने कर्त्तव्यों को बखूबी निभा रहा है। वर्ष 1954 से स्थापित आर्य समाज मॉडल टाउन शहर में दी जा रही सेवाओं व युवाओं में संस्कार देने के लिए जाना जाता है। मंदिर में एक ओर जहां मंदिर में वैदिक संग्रहालय है। जिसमें गीता उपदेश, 16 तरह के संस्कार, 115 तरह की जड़ी-बूटी के बारे में जानकारी दी गई है।
Sumitra Ahlawat Patron Of Arya Samaj Model Town

जल्द होगा गुरुकुल का शुभारंभ 

आर्य समाज मॉडल टाउन की संरक्षिका सुमित्रा अहलावत ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां युवाओं व बच्चों के साथ रोजाना सुबह यज्ञ कराया जाता है। वहीं अब कुछ ही दिनों में दिव्यांग स्कूल का शुभारंभ किया जाएगा। इसमें दिव्यांगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था भी हाेगी। वहीं दाे से तीन महीनों में यहां गुरुकुल भी शुरू हो जाएगा। संरक्षिका सुमित्रा अहलावत ने बताया कि आर्य समाज द्वारा 16 गतिविधियां चल रही है। रोजाना यज्ञ, हर रविवार काे सत्संग, महिला सत्संग प्रत्येक बुधवार शाम काे, डिस्पेंसरी, फिजियोथेरेपी सेंटर, लैब, एक्स-रे और गरीब कन्याओं के लिए सिलाई सेंटर चल रहे हैं। वहीं हर प्रकार के संस्कार करवाने के लिए पुराेहित की सेवा भी उपलब्ध कराते हैं। यहां एक संस्कार भवन नाम से गुरुकुल तैयार किया जा रहा है। इसमें 5 साल तक के बच्चों काे 10वीं तक पढ़ाया जाएगा। पढ़ाई के साथ-साथ वैदिक ज्ञान दिया जाएगा। बच्चों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था भी यहीं हाेगी।

वर्तमान पीढ़ी धर्म से अनजान 

संरक्षिका सुमित्रा अहलावत ने बताया कि आजकल के बच्चाें काे धर्म का ज्ञान नहीं हैं। मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग बढ़ गया है। इसलिए ये संस्कार भवन बनाने के लिए 2022 में प्लानिंग शुरू की गई थी। इसमें बच्चा 8 से 10 रहेगा ताे वह पढ़ाई के साथ-साथ वैदिक ज्ञान दिया जाएगा। अगले महीने में दिव्यांग स्कूल शुरू किया जाएगा। हमारे पास 53 दिव्यांग बच्चे है। हमारा लक्ष्य 100 तक है। उन्होंने बताया कि ये मंदिर करीबन 2 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें तमाम तरह की सेवाएं चल रही हैं, जिससे गरीब, जरूरतमंद लोगों के साथ साथ युवा पीढ़ी के हित में कार्य किए जाते हैं।

हाल ही में मनाया 70वां वार्षिकाेत्सव

संरक्षिका सुमित्रा अहलावत ने बताया कि गत सप्ताह ही आर्य समाज मॉडल टाउन द्वारा 70 वां वार्षिकोत्सव एवं स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती महोत्सव मनाया गया। मॉडल टाउन में शोभायात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा तकरीबन 1 किलोमीटर लंबी थी। सुमित्रा अहलावत ने बताया शहर में 1985 के बाद पहली बार‎ आर्य समाज मॉडल टाउन की तरफ ‎से शोभायात्रा निकाली गई। स्वामी सच्चिदानंद ने इसकी अगुवाई की। यात्रा में ट्रैक्टर ट्रॉली यज्ञ करते हुए चले। साथ ही मंत्रों का उच्चारण करते हुए चले। यात्रा में ढाेल, बैंड आदि रहे। बुजुर्गों के लिए ई-रिक्शा लगाई गई। इनमें बुजुर्ग बैठे रहे। ट्रैक्टराें पर स्वामी दयानंद व आर्य समाज से जुड़े संदेशाें का प्रचार भी किया गया। आर्य बाल भारती स्कूल के बच्चों ने मास पीटी, लाठी-डंडों से करतब दिखाएं। आर्य कन्या स्कूल की छात्राएं भी मास पीटी करते हुए चली। डीएवी हुड्डा स्कूल द्वारा डंबल पीटी का प्रदर्शन किया गया। सुमित्रा अहलावत ने बताया कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना अपने धर्म से जोड़ना और संस्कारित करना है।