किसानों के साथ बेइंसाफी बंद नहीं की तो छेड़ा जाएगा बड़ा आंदोलनः रतन मान

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Sugarcane farmers meeting on 21st April
Sugarcane farmers meeting on 21st April
  • भादसों शुगर मिल की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 21 को बैठक

इन्द्री, 14अप्रैल, इशिका ठाकुर:
भारतीय किसान गन्ना संघर्ष समिति ने भादसों शुगर मिल द्वारा स्थानीय किसानों को गन्ने के भुगतान में देरी करने और बाहरी किसानों का गन्ना नकदी में खरीदने के मुद्दे को लेकर 21 अप्रैल को बैठक बुलाने का निर्णय लिया।

भादसों शुगर मिल प्रबंधन किसानों के साथ अन्याय कर रहा है: जसवीर सिंह

इस बैठक में भादसों शुगर मिल के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान किया जा सकता है। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान विशेष तौर मौजूद रहे। किसान नेताओं ने भादसों शुगर मिल प्रबंधन की नीयत और नीति पर कई गंभीर सवाल उठाए। भारतीय किसान गन्ना संघर्ष समिति के अध्यक्ष जसवीर सिंह ने बताया कि भादसों शुगर मिल प्रबंधन किसानों के साथ अन्याय कर रहा है।

शुगर मिल में किसानों को गन्ने का भुगतान में देरी की जा रही है। जबकि नियम अनुसार मिल में गन्ने की अपूर्ति के 14 दिन के अंदर गन्ने का भुगतान होना चाहिए। यदि इस अवधि में गन्ने का भुगतान किसानों को नहीं किया जाता तो उसे ब्याज सहित भुगतान देने का प्रावधान है। लेकिन इस मिल में किसानों को समय पर भुगतान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण किसानों की करीब 93 करोड रुपए से अधिक के राशि का भुगतान नहीं किया गया। इस शुगर मिल द्वारा स्थानीय गन्ना उत्पादकों की उपेक्षा कर बाहरी किसानों का गन्ना लिया जा रहा है और उसका भुगतान भी नगद किया जा रहा है। जबकि स्थानीय किसानों के गन्ने का करीब 93 करोड रुपए से अधिक राशि मिल की तरफ बकाया खड़ी है जिसे देने में मिल प्रबंधन टालमटोल कर रहे हैं। किसानों को समय पर गन्ने का भुगतान न मिलने से किसान के सामने आर्थिक रूप से कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। किसान को बाजार की उधारी चुकाने में जिल्लत उठानी पड़ रही है। बच्चों की फीस व परिवारिक खर्च की समस्या किसानों के सामने खड़ी हो रही है।

21 अप्रैल को गन्ना किसानों की बैठक

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि भादसों शुगर मिल प्रबंधन किसानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर रहा है। इस मिल में किसानों के साथ अन्याय होता आ रहा है। किसानों को मिल में गन्ना सप्लाई करने के लिए, कभी मिल चलाने के लिए और कभी अपना भुगतान लेने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन व शासन की मिलीभगत के कारण गन्ना उत्पादकों के साथ बेइंसाफी हो रही है। रतन मान ने कहा कि भादसों शुगर में किसानों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में किसानों को लामबंद करने के लिए 21 अप्रैल को गन्ना किसानों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में भादसों शुगर मिल क्षेत्र से संबंधित गन्ना उत्पादकों की समस्याओं पर गंभीर चिंतन होगा। बैठक में आगामी आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी।

क्योंकि भादसों शुगर मिल की तानाशाही एवं मनमानियों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मिल की कई बेकैयदगियों की पड़ताल की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बाहरी क्षेत्र के किसानों को नगद भुगतान देने और स्थानीय किसानों को गन्ना भुगतान देने में देरी करने वाली व्यवस्था को बंद नहीं किया गया तो इस मसले पर बड़ा आंदोलन छेड़ने की घोषणा हो सकती है।

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