Perfect Rain Effect, (आज समाज), नई दिल्ली: देश के अधिकतर राज्यों में इस बार अच्छी बारिश होने के कारण 17 करोड़ मीट्रिक टन चावल का उत्पादन होने का अनुमान है। ऐसे में केंद्र सरकार किसान हित में निर्यात पाबंदी में ढील दे सकती है।घरेलू स्तर पर कीमतें नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 20 जुलाई, 2023 को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि बासमती चावल एक निश्चित मूल्य पर ही निर्यात किया जा सकता है और सेला चावल पर भी 20 फीसदी का निर्यात शुल्क है।
दरअसल, 5 सितंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि इस बार रबी की अच्छी फसल से देश के भंडार में 3.23 करोड़ मीट्रिक टन चावल है और मिलर के पास से 92 लाख मीट्रिक चावल अभी और इस भंडार मे और जुड़ेगा। इस तरह देश के पास जल्द ही करीब 4 करोड़ मीट्रिक टन का बफर स्टॉक होगा।
भारत में करीब 70 फीसदी धान खरीफ सीजन में होता है और इस बार खरीफ सीजन में 30 अगस्त तक धान की बुवाई का आंकड़ा पांच साल के औसत से आगे बढ़ गया है, जिसकी कटाई अमूमन अक्तूबर में होती है। वहीं एक अक्टूबर तक केवल 10.25 लाख मीट्रिक टन चावल की ही जरूरत है, इसलिए 15 अक्टूबर से नई फसल की आमद के बाद चावल के भंडार का नियोजन भी सरकार की चुनौतियां बढ़ा सकता है।