Sudan Indians Stranded: सूडान में सेना और पैरामिलिट्री में जारी जंग के बीच कर्नाटक के 31 आदिवासी फंस गए हैं। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी बेचने के लिए सूडान गए ये सभी लोग वर्तमान में सूडानी शहर अल-फशेर में रह रहे हैं। 19 लोग कर्नाटक के हुनसूर निवासी हैं। इसके अलावा सात शिवामोगा और पांच लोग चन्नागिरी के रहने वाले हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार फंसे लोगों को छुड़ाने का प्रयास नहीं कर रही है।
- लगातार धमाकों की आवाज, मदद को नहीं कोई तैयार : पीड़ित
- अब तक झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 हुई
पीड़ितों के पास भोजन व पानी हुआ खत्म
रिपोर्टों के अनुसार युद्धग्रस्त देश में फंसे भारत के 31 आदिवासियों ने आपबीती सुनाई है और असके अनुसार उनके पास पानी व भोजन खत्म हो गया है। एक पीड़ित ने बताया कि वे पिछले 4-5 दिनों से एक किराए के मकान में फंसे हुए हैं। उसने कहा, हमारे पास खाना या पीने के लिए कुछ भी नहीं है। बाहर से लगातार धमाकों की आवाज आ रही है। यहां कोई हमारी मदद करने को तैयार नहीं है।
अमेरिकी दूतावास के काफिले पर हमला
सोमवार को आरएसएफ के लड़ाकों ने अमेरिकी दूतावास के काफिले पर हमला कर दिया। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को बताया कि काफिले की गाड़ियों पर अमेरिका का झंडा लगा हुआ था। साथ ही उसकी लाइसेंस प्लेट भी दूतावास की थी। फिर भी हमला किया गया। ब्लिंकन ने बताया कि वो हमले की जांच कर रहे हैं।
केंद्र नहीं कर रहा कुछ, किस्मत के भरोसे छोड़े लोग : सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर कन्नड़ विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सूडान में फंसे भारतीयों के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। केंद्र ने उन्हें उनकी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया गया है। वहीं, सूडान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है।
एक गुट को यूएई, दूसरे को सऊदी अरब का समर्थन
सूडान में लड़ रहे दोनों गुटों को अलग-अलग देशों का समर्थन है। अलजजीरा के मुताबिक सेना को मिस्र का साथ है, जबकि पैरामिलिट्री ग्रुप को यूएई और सऊदी अरब से मदद मिलती रही है। हालांकि, सभी देशों ने दोनों गुटों से लड़ाई रोकने की अपील की है।
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