फोर्टिस अस्पताल मोहाली के डॉक्टरों ने हासिल की उपलब्धि
आज समाज डिजिटल, बठिंडा/मोहाली:
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के डॉक्टरों ने क्रांतिकारी चौथी पीढ़ी की रोबोटिक मशीन – दा विंची का उपयोग करके 63 वर्षीय प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित रोगी की सफलतापूर्वक जीवन रक्षक सर्जरी की। रोबोटिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, फोर्टिस मोहाली के यूरोलॉजी कंस्लटेंट डॉ. मनीष आहूजा के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने हाई रिस्क, इंटेसिव सर्जरी, रेडिकल प्रोस्टेटक्टोमी की।
63 वर्षीय रोगी भूपिंदर सिंह जब फोर्टिस अस्पताल मोहाली आए, तो अत्यधिक बेचैनी में थे और बार-बार पेशाब आने से पीड़ित थे। उनके चिकित्सा मूल्यांकन पर एक प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (पीएसए) रक्त जांच की, तो पता चला कि रोगी के सीरम का स्तर ऊंचा था। रोगी ने एक अल्ट्रासाउंड और प्रोस्टेट की बायोप्सी भी कराई, जिसमें पता चला कि उसे प्रोस्टेट कैंसर (स्टेज 1) था। ट्यूमर को हटाने के लिए डॉ. आहूजा और उनकी टीम ने रोबोट की सहायता से एक रेडिकल प्रोस्टेटेक्टोमी परफार्म की। उन्होंने रोगग्रस्त ग्लांड को सफलतापूर्वक हटा दिया और मूत्राशय को वापस मूत्र मार्ग में सिल दिया। आॅपरेशन के बाद पीड़ित मरीज को आराम मिला और सर्जरी के पांच दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई। डॉ. मनीष आहूजा, कंसल्टेंट, यूरोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली, ने कहा कि प्रोस्टेट पुरुष प्रजनन ग्लांड है, जो 50 साल की उम्र के बाद हार्मोनल परिवर्तन के कारण बढ़ सकता है। कई बार ये इजाफा कैंसर हो सकता है। हालांकि, अगर समय पर पता चल जाए, तो ग्लांड को हटाया जा सकता है और कैंसर का इलाज हासिल किया जा सकता है। रोबोट सहायता प्राप्त तकनीक का उपयोग करके कई जटिल और नाजुक सर्जरी अधिक सटीकता के साथ की जाती हैं। यह न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी का नवीनतम रूप है और रोगी के शरीर में डाले गए एक विशेष कैमरे के माध्यम से आॅपरेटिव क्षेत्र का 3डी व्यू दिखाता है। शरीर के जिन हिस्सों तक मानव हाथ से पहुंचना मुश्किल होता है, उन तक रोबोट की मदद से पहुंचा जा सकता है, जो 360 डिग्री घूम सकता है। मरीजों के खून का कम से कम नुकसान होता है, निशान कम होते हैं और ठीक होने की प्रक्रिया तेज होती है।
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