स्टूडेंट पर हमला होने के आसार, पुलिस अलर्ट
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा के पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में एमबीबीएस परीक्षा में घोटाले को उजागर करने वाले स्टूडेंट को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि स्टूडेंट पर हमला होने के आसार है। स्टूडेंट की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे इनपुट मिलने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है। फिलहाल स्टूडेंट को अभी कुछ पुलिसकर्मियों के फोन नंबर दिए गए हैं, जिनसे वह किसी प्रकार का खतरा होने की स्थिति में संपर्क कर सकता है।
इधर स्टेट क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्रांच के एक्टिव होने के बाद जिला प्रशासन ने यूएचएसआर से अपनी जांच में तेजी लाने और मामले पर त्वरित कार्रवाई के लिए जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मामले की जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी गठित की गई है। करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एमके गर्ग के नेतृत्व में समिति 17 जनवरी को अपनी जांच शुरू करेगी।
दो कर्मचारियों को किया जा चुका लिलबिंत
इस घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्य आरोपी का बैकग्राउंड पुलिस खंगाल रही है। इस मामले में यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारियों रोशन लाल और रोहित को पहले ही निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीन आउटसोर्स कर्मचारियों दीपक, इंदु और रितु की सेवाएं जांच लंबित रहने तक समाप्त कर दी गई हैं।
रोहतक के डीसी धीरेन्द्र खडगटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने मिनी सचिवालय में कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की और जांच से संबंधित जानकारी पर चर्चा की।
पेपर लिखने के लिए किया जाता था स्पेशल पेन का इस्तेमाल
एक छात्र ने बताया कि पेपर पास करने के लिए एक स्पेशल पेन का इस्तेमाल किया जाता था। पेन की स्याही लिखने के बाद सूख जाती है। जिन स्टूडेंट की डील होती थी, वह उस पेन से पेपर लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सेंटर से बाहर भेजा जाता था। वहां हेयर ड्रायर की मदद से उत्तर पुस्तिकाओं से स्याही मिटाई जाती है। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं पर सही जवाब लिखकर उन्हें दोबारा सेंटर पर भेजा जाता है।
एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी पैसे लेकर करते थे मदद
ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा आॅनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं।
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