Students Trapped in Ukraine: युक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावकों की सांसें अटकी

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Students Trapped in Ukraine

प्रदेशभर से एमबीबीएस करने के लिए युक्रेन गए हुए हैं 6300 छात्र Students Trapped in Ukraine

आज समाज डिजिटल, जींदः

Students Trapped in Ukraine: युक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे प्रदेशभर के छात्रों के अभिभावकों की सांसें हलक में अटक गई हैं। प्रदेशभर से काफी संख्या में युवा एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए युक्रेन में गए हुए हैं। पिछले कई दिनों से रूस और युक्रेन के बीच युद्ध होने की बातें सामने आ रही थी। जिसके चलते अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान थे।

इसी परेशानी तथा भारत के युवाओं की सुरक्षा को देखते हुए भारत सरकार ने स्पेशल फ्लाइट के माध्यम से युक्रेन से बच्चों को लाने का प्रयास किया था। जिसके चलते लगभग 50 छात्र वापस स्वदेश भी लौट आए थे। जो छात्र रह गए थे, उन्हें भी वापस घर लौटना था लेकिन अब वीरवार को रूस तथा युक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया है और अब भी जींद के कई छात्र ऐसे हैं जो युक्रेन में हैं। ऐसे में इन बच्चों के अभिभावकों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

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फिलहाल भारत आने के लिए नहीं मिल रही कोई फ्लाइट Students Trapped in Ukraine

अर्बन एस्टेट निवासी तरूण, सिद्धार्थ, हाउसिंग बोर्ड निवासी जतिन, अर्बन एस्टेट निवासी नीवा गिल सहित रोहतक व अन्य जिलों के विद्यार्थी हैं जो युक्रेन की राजधानी कीव में हैं। तरूण ने बताया कि कीव में हालात अभी सामान्य हैं। यहां मार्केट भी खुली है। फिलहाल भारत आने के लिए कोई फ्लाइट नहीं है। जब भी कोई फ्लाइट होगी तो वे भारत आएंगें। अभिभावकों से लगातार फोन से संपर्क कर रहे हैं।

यहां खाने-पीने की भी कोई समस्या नहीं है। तरूण के चाचा नीरज ने बताया कि जींद के काफी छात्र कीव में हैं। उम्मीद है जल्द हालात सामान्य होंगे। तरूण पिछले साल ही कीव एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गया है। अर्बन एस्टेट निवासी अजित ने बताया कि उसका बेटा गौरव खारकीव में है। उसकी 28 फरवरी की फ्लाइट है। फिलहाल फ्लाइट नहीं चल रही हैं।

भारतीय एंबैसी लगातार संपर्क में Students Trapped in Ukraine

बेटे से वीरवार सुबह बातचीत हुई थी। वो होस्टल में ही रुका हुआ है। बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है। बेटा कह रहा है कि चिंता करने की बात नहीं है और भारतीय एंबैसी लगातार उनके बेटे के संपर्क में है। वहीं रामनिवास ने बताया कि उनकी बेटी प्रीति युक्रेन के तरनोपिल शहर में है।

उससे वीरवार दोपहर को ही बात हुई है। वहां फिलहाल हालात ठीक हैं लेकिन विद्यार्थियों को होस्टल से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है। अगले कुछ दिनों के लिए खाने-पीने का जरूरी सामान जुटाने के लिए कहा गया है। प्रीति ने एटीएम जाकर पैसे निकाल लिए हैं और बाकी जरूरी सामान भी जमा कर लिया है। 27 फरवरी को उसकी फ्लाइट थी। फिलहाल सभी फ्लाइट रद्द हो चुकी हैं।

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युक्रेन में फंसे छात्रों ने वीडियो वायरल कर लगाई गुहार Students Trapped in Ukraine

एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए विदेश भेजने वाली डा. कामिनी आशरी ने बताया कि हरियाणा प्रदेश से कुल 6300 बच्चे युक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गए हुए हैं। वो सुबह से एम्बैसी के संपर्क में हैं लेकिन वहां उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा है। युक्रेन में मौजूद छात्रों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किया है जिसमें छात्र सकुशल वापस लौटने की गुहार लगा रहे हैं।

ये छात्र एयरपोर्ट से कुछ ही दूरी पर हैं लेकिन कोई भी फ्लाइट उन्हें भारत लाने के लिए तैयार नहीं है। एक छात्र ने तो यहां तक बताया कि जहां वो खड़े हैं वहां से कुछ ही दूरी पर बम फटा है। ऐसे में स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्र वहां कितने डरे व सहमे हुए हैं। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई कि युक्रेन में फंसे हुए छात्रों को स्वदेश लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि ये छात्र सकुशल वापस लौट सकें।

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विदेश मंत्रालय ने सहायता नंबर जारी किए: डीसी Students Trapped in Ukraine

डीसी मनोज कुमार ने बताया कि जींद जिले के कितने छात्र युक्रेन में हैं इसकी कोई सूची नहीं है। ना ही इस संबंध में अभी तक कोई अभिभावक मिला है। विदेश मंत्रालय ने युक्रेन में भारतीय छात्रों व लोगों की मदद के लिए नंबर जारी कर दिए हैं। उन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। अगर कोई अभिभावक इस संबंध में मिलने आता है तो भारत सरकार के सहयोग से उसकी मदद की जाएगी।

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