यूक्रेन में फंसे युवकों के परिजन पहुंचे सीएम हाउस, वापसी की गुहार Students Trapped In Ukraine

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Students Trapped In Ukraine

इशिका ठाकुर, करनाल:

Students Trapped In Ukraine: करनाल में सीएम मनोहर लाल के निवास पर पहुंचकर यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों के परिजन बुलाने की गुहार लगा रहे हैं। बुधवार को सीएम प्रतिनिधि से मिलने आए परिजन तो भावुक हो गए। लोगों ने उन्हें हौसला बंधाया। प्रदेश सरकार तक पूरी बात को पहुंचाने का आश्वासन दिया। यूक्रेन में फंसे 6300 में से करीब 650 युवा अकेले करनाल से हैं। जो यूक्रेन में इमरजेंसी होने के कारण कमरे में बंद हैं। परिजनों को एक ही चिंता बने हैं क्या उनके बच्चे वापस आ पाएंगे।

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इंडिया एंबेसी पर लगाया आरोप (India Embassy Accused)

अमरजीत का कहना है कि इंडियन एंबेसी उनको बुलाने की कोशिश नहीं करती। दो दिन पहले यूनिवर्सिटी के साथ मीटिंग की। भारत जाने के लिए छात्रों को बोला। हमारे पास जैसी ही सूचना आई तो दो दिनों से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं। हमारी 27 फरवरी की टिकट हुई। अब यूक्रेन में इमरजेंसी लग गई। हमारी प्रधानमंत्री से अपील है कि हमारे बच्चों को वापस लाया जाए। इससे पहले अफगानिस्तान और चाइना से बच्चे लेकर आए हैं। अब यूक्रेन से उन्हें लाया जा सकता है। हम तो पैसे दे सकते हैं। उन्हें ला तो नहीं सकते।

परिवार की चिंता से कराया अवगत (Family Concerns)

परिवार की चिंता बने हुए हैं। ना तो हम वहां पर जहाज भेज सकते और ना ही हम जहाज खरीद सकते हैं। ये बच्चे प्रधानमंत्री के हैं। वहां पर इमरजेंसी लगी हुई है। सब कमरे में बंद है। कुछ खाने का है या नहीं कुछ नहीं बता रहे। मेरे बच्चे पोलैंड से 50-60 किलोमीटर दूर है। ऐसे बच्चों को दूसरे देशों में शिफ्ट किया जाना चाहिए। हमने पहले भी और आज भी सीएम आवास पर पहुंचे है। हमारे बच्चों की जानकारी सीएम को भेजी है। इस मामले में केंद्र सरकार का अहम योगदान रहेगा। प्रमात्मा से अरदास हैं कि बच्चों को सुरक्षित रखे।

पिता बोली- बेटी डॉक्टर बनने गई थी यूक्रेन (Students Trapped In Ukraine)

Students Trapped In Ukraine

आकांशा के पिता ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार से हमारी गुहार है। वहां पर फंसे सभी बच्चों को निकाला जाए। बेटी दो महीने पहले ही एमबीबीएस करने के लिए यूक्रेन गई थी। अब हालात खराब हो गए। वहां फंसे बच्चों से बात तो लगातार हो रही है। टिकट नहीं मिल रहे। एयरपोर्ट बंद है। मां-बाप परेशान है। सरकार से गुहार है वहां पर फंसे बच्चों को निकाला जाए।

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