- अमन कानून की स्थिति बरकरार रखने तथा सड़क सुरक्षा को यकीनी बनाने बरनाला पुलिस ने उठाया कदम, कारों पर लगे स्टीकर हटाना किए शुरु।
अखिलेश बंसल, बरनाला:
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के भगौड़े होने के बाद जहां राज्यभर की पुलिस ने कई तरह के अभियान शुरू किए हैं वहीं बरनाला पुलिस ने भी आतंक, गैंगस्टरवाद, गुंडागर्दी पर लगाम कसने के लिए बारीकी से कार्रवाई करना शुरु किया है। बरनाला पुलिस ने अमन कानून की स्थिति बरकरार रखने तथा सड़क सुरक्षा को यकीनी बनाए रखने के लिए वाहनों पर लगाए जा रहे अवैध स्टीकरों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। आने वाले दिनों में समाज में डर का माहौल पैदा कर रहे ऐसे स्टीकर युक्त वाहनों पर जबरदस्त शिकंजा कसे जाने की संभावना है।
फेसबुक पर फोटो अपलोड कर पुलिस ने दी चेतावनी-
जिला बरनाला पुलिस ने सोमवार को वाहनों से स्टीकर हटाने का अभियान शुरु किया तथा कार्रवाई के मौके के फोटो लेकर बरनाला पुलिस की फेसबुक पर फिल्हाल चार फोटो अपलोड किए हैं। इसके साथ साफतौर पर लिखा है कि अमन कानून की स्थिति बरकरार रखने तथा सड़क सुरक्षा को यकीनी बनाने के मद्देनजर पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया है। जिससे साफ संकेत है कि आने वाले दिनों में पुलिस इस कदम पर बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
पंजाबी गीतों ने किया था युवाओं को अग्रसर-
गौरतलब है 1992 के दौरान जैसे ही पंजाब में से आतंकवाद के बादल छंटे थे उसके थोड़ी देर बाद ही पंजाबी गायकों ने ऐसे गीत लिखना और गाना शुरू किया, जिनमें राइफलों, बंदूकों, तलवारों, किसी जमीन पर कब्जा करने की बात जरूर होती। इसी बात का फायदा उठा पेंटरों ने चार पैसे कमाने के लालच में वाहनों पर, टी-शर्ट तैयार करने वाली इंडस्ट्री ने बनियान व टी-शर्ट पर राइफलें, बंदूकें, तलवारें प्रिंट करना शुरू कर दिया। जिसे गंभीरता से लेना तो दूर की बात और कुछ समाजसेवियों द्वारा आगाह करने के बावजूद गत सरकारों ने उसे पूरी तरह से नजरअंदाज रखा। गौरतलब है कि वाहनों पर असला तथा टी-शर्ट पर गैरकानूनी स्टीकर लगवाने तथा अपने ट्रैक्टरों पर ऊंची आवाज वाले कानूनन प्रतिबंधित स्पीकर लगाने, दोपहिया वाहनों के साइलेंसरों से पटाके बजाने आदि में ग्रामीण युवाओं की मुख्य भूमिका है। जिसको समाज ने अनेकों बार कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह भी लगाया है।
यह कहते हैं जिला पुलिस के अधिकारी-
जिला पुलिस बरनाला के एस.पी. (डी) रमनीश चौधरी ने जिला पुलिस मुखी संदीप मलिक के हवाले से कहा है कि पंजाब पुलिस निदेशक के आदेश हैं कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के सेक्शन 177 के आधार पर बिना मंजूरी किसी भी व्यक्ति को निजी वाहन पर लाल-नीली-पीली-हरी बत्ती या हूटर लगाना तो दूर की बात अपने ओहदे की पहचान का स्टीकर चिपकाने की भी इजाजत नहीं है। यहां तक कि कोई पुलिस कर्मचारी भी अपने निजी वाहन पर पुलिस का, पत्रकार प्रेस का, किसी पूर्व सैनिक का बेटा वाहन पर आर्मी का, राजसी नेता वीआईपी का, सरकारी कर्मचारी आन-ड्यूटी का स्टीकर नहीं लगा सकता। यद्यपि कोई शरारती गन कल्चर को उत्साहित करता है तो उसका वाहन जब्त करने और उस वाहन के चालक का चालान काटने का प्रावधान है।
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