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फसल अवशेषों को जलाने पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई

इशिका ठाकुर,करनाल:
उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा फसलों के अवशेष जलाने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अब तक अलग-अलग क्षेत्रों के 5 मामलों में जुर्माना भी वसूला गया है और संबंधित ग्राम सचिव, पटवारी और नम्बरदार को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में फसल अवशेषों को न जलाया जाए, इसके लिए जिलास्तर, उपमण्डल स्तर, खंड तथा ग्राम स्तर पर निगारानी कमेटियां भी गठित की गई है। इस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। अत: किसानों को फसलों के अवशेष नहीं जलाने चाहिए। अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि यंत्र मौजूद हैं, जिनकी सहायता से बेहतरीन प्रबंधन किया जा सकता है तथा अवशेषों से खाद भी तैयार की जा सकती है।

हरियाणा सरकार करेगी हर सम्भव मदद

उपायुक्त ने बताया कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने करनाल में पराली खरीदने के लिए 3 यार्ड बनाए हैं, पंचायत विभाग ने आईओसीएल को गांव बम्बरेहड़ी, गगसीना और सिरसी में करीब 58 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई है। आईओसीएल 180 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से पराली की खरीद करेगा और निर्धारित समय में किसान को भुगतान करेगा। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेष जलाना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। फसल अवशेष जलाने से स्वास्थ्य हानि के साथ -साथ किसानों को आर्थिक नुकसान भी होता है। इस नुकसान से बचने के लिए किसानों को पराली जलाना बंद करना होगा तथा किसान फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करें, इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की हर सम्भव मदद की जा रही है।

किसानों से अपील न जलाएं फसल अवशेष

उपायुक्त ने कहा कि फसलों के अवशेष जलाने से पर्यावरण भी बुरी तरह से दूषित होता है। जबकि आज के समय में पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है। इसके लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत है। एकजुटता के साथ हमें इस दिशा में प्रयास करने होंगे। इसमें किसान फसलों के अवशेष जलाने की बजाय उचित प्रबंधन करके बेहतरीन सहयोग दे सकते हैं। अवशेष जलाने से श्वांस के रोगियों के लिए भी अत्यधिक परेशानियां उत्पन्न होती है। उन्होंनेे कहा कि खरीफ फसलों के लिए किसानों को फसलों के अवशेषों के उचित प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। किंतु बहुत से किसान अवशेषों को जलाते हैं जो कि उचित नहीं है। फसल अवशेषों को जलाने से कोई लाभ नहीं मिलेगा। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित होती है। उपजाऊपन कम होने से पैदावार भी कम होती है। साथ ही भूमि में किसानों के मित्र कीट भी खत्म होते हैं। इसलिए किसानों को फसलों के अवशेष नहीं जलाने चाहिए।

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