Himachal News (आज समाज) धर्मशाला। जिला कांगड़ा में नशे के दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने की आवश्यकता है। नशे की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग तथा अन्य संबंधित सरकारी विभागों सहित क्षेत्र में कार्य कर रहीं गैर सरकारी संस्थाओं और आम समाज को संगठित रूप में काम करने की जरूरत है। राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एनकॉर्ड) की जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने यह बात कही।
उन्होंने बैठक में अधिकारियों से जिले में चल रहे निजी क्षेत्र के नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों के औचक निरीक्षण को लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि जिले में चल रहे निजी नशा निवारण और पुनर्वास केंद्रों का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में निजी तौर पर संचालित नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा किया गया है तथा वहां जो कमियां पायी गईं उसके तहत नोटिस भी जारी किए गये हैं।
उन्होंने कहा कि नोटिस दिए जाने के बाद भी नियमों की अनुपालना नहीं करने वाले नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिले में सरकारी नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्रों की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी कार्य करे तथा रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा पूर्व में चलाये जा रहे केंद्रों को दोबारा चलाया जाये।