इसके तहत बीस लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज दिया था। उसमें रेहड़ी पटरी और ठेले पर समान बेचने वाले पचास लाख लोगों को लोन देने के लिए पांच हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था आर्थिक पैकेज के तहत की गई थी। इस स्कीम में प्रति व्यक्ति दस हजार रुपए का लोन मिलेगा। इसके पहले नरेंद्र मोदी ने आर्थिक सुधारों की गति बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को पुराने कानूनों की बंदिशों से मुक्त कर खोलने की बात कही थी। सरकार की ओर से उठाए जा रहे सुधारवादी कदमों का अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक लाभ होगा। अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। कई क्षेत्र जो अब तक बंद थे उन्हें निजी क्षेत्र के लिये खोला गया है। इन सुधारों से आने वाले समय में आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी केंद्र के निर्णयों के स्वागत किया है। कहा कि इससे आत्म निर्भर भारत की राह प्रशस्त होगी। इस क्षेत्र के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बीस हजार करोड़ रुपये के ऋण के प्रावधान और पचास हजार करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के अनुमोदन से इस क्षेत्र के पूंजी की कमी का समाधान होगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के निवेश और कारोबार का दायरा बढाना भी सराहनीय है। पहली बार किसी ने पटरी दुकानदारों जैसे सब्जी, फल, चाय, आदि बेचने वालों की सुधि ली है। कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान केन्द्रीय कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री जी ने दो हजार बाइस तक किसानों की आय दोगुना करने का न केवल वायदा किया, बल्कि इसके लिए अनेक प्रभावी कदम भी उठाए हैं। हर खेत को पानी, पर ड्राप मोर क्रॉप, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है। नरेन्द्र मोदी के लिए किसानों के साथ समाज के सबसे वंचित वर्ग के जीवन में बदलाव लाना प्राथमिकता रही है। अब तक के उनके विभिन्न निर्णयों के केन्द्र में समाज का यही वर्ग रहा है। एक बार फिर केन्द्रीय कैबिनेट ने इसी वर्ग के हितों का ध्यान रखा है। एमएसएमई सेक्टर को संजीवनी मिली है। न्यूनतम पूंजी, जोखिम और कम इंफ्रास्ट्रक्चर में स्थानीय स्तर पर सर्वाधिक रोजगार देने की सम्भावना वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को दिया गया पैकेज इस क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध होगा। इस क्षेत्र की सर्वाधिक इकाइयां उत्तर प्रदेश में हैं। बेहतर गुणवत्ता के साथ इनका उत्पादन बढ़ाने के लिए सर्वाधिक हुनरमंद भी उत्तर प्रदेश में ही हैं। लिहाजा इस सेक्टर को मिले पैकेज का सबसे अधिक लाभ भी यहां की नब्बे लाख से अधिक इकाइयों को मिलेगा।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह इनके निजी विचार हैं।)
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