स्ट्रीट लाईट प्रोजेक्ट में सर्वे का काम शुरू, शहर में लगेंगी 25 हजार एल.ई.डी. लाईटें Street Light Project

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Street Light Project

प्रवीण वालिया,करनाल:

Street Light Project करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड का मकसद क्षेत्र आधारित विकास (ए.बी.डी.) और शहर के लिए विभिन्न स्मार्ट सुविधाओं या बुनियादी ढांचा प्रदान करने वाली परियोजनाओं को लागू करना है, जिससे यहां के नागरिकों की जीवनशैली बेहतर होगी और उन्हें उच्च गुणवत्ता की सेवाओं का लाभ मिलेगा। अब के.एस.सी.एल. पूरे शहर में नई 25 हजार एल.ई.डी. स्मार्ट लाईटें लगाने जा रहा है। फिलहाल इस कार्य को करने वाली कम्पनी एच.पी.एल. इलैक्ट्रिक एंड पावर लिमिटेड ने शहर का सर्वे करने का काम शुरू कर दिया है। लाईटें लगाने का समस्त कार्य अगले 6-7 महीनो में पूरा हो सकेगा। शनिवार को उपायुक्त एवं केएससीएल के सीईओ निशांत कुमार यादव ने यह जानकारी दी।

नई एलईडी सड़क उपयोगकर्ताओं की जरूरत के अनुसार होंगी- Street Light Project 

उपायुक्त ने बताया कि अभी करनाल की सड़कों पर अधिकतम स्ट्रीट लाईटिंग पारम्परिक तकनीक के उपयोग से लगी हैं, जो एक निश्चित समय पर चालू और बंद होती हैं और रातभर एक समान प्रकाश देती हैं। इससे बिजली की अत्याधिक खपत होती है, जबकि एलईडी लाईटें एक लचीले डिमिंग शैड्यूल पर आधारित होंगी, जिसमें निश्चित समय पर प्रकाश की तीव्रता को समायोजित करने का प्रोग्राम होगा। दूसरी ओर यह स्व:प्रबंधित प्रकाश व्यवस्था है। स्मार्ट कनैक्टिड लाईटिंग सिस्टम एक स्थानीय वायरलेस विकेन्द्रीकृत नेटवर्क का हिस्सा है। यह एक केन्द्रीय डाटा और प्रबंधन प्लेटफार्म से जुड़ा है और स्मार्ट सेंसर और एकीकृत उपकरणो से लैस है।

शहर के लिए स्मार्ट लाईटिंक के हैं कई फायदे- Street Light Project 

There are Many Benefits Of Smart Lighting उन्होंने बताया कि बिजली बचाने या प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए स्मार्ट लाईटिंग में डिमिंग शैड्यूल समायोजित होता है। केएससीएल ने 25 हजार एलईडी स्मार्ट लाईट्स के साथ मौजूदा पारम्परिक स्ट्रीट लाईटों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना बनाई है। (Street Light Project ) इसके तहत स्ट्रीट लाईट के पोल को बदलने के साथ-साथ अंडरग्राउण्ड और ओवर हैड केबल वायरिंग से बुनियादी ढांचे को नया रूप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परियोजना के अंतिम गो-लाईव के बाद 10 वर्षों की अवधि के लिए इसका संचालन, रख-रखाव और निगरानी करना, पूरी तरह से एजेंसी की जिम्मेवारी होगी, ताकि नागरिकों को सेवा वितरण की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने बताया कि शहर की स्ट्रीट लाईट, असंवरचना आश्यकताओं का विस्तृत आधारभूत परिसम्पति सर्वेक्षण किया जाएगा, शहर में जहां-जहां भी डार्क स्पॉट हैं, उनकी पहचान की जाएगी और उसे खत्म करने के लिए स्ट्रीट लाईट के बुनियादी ढांचे को जोड़ा जाएगा। पारम्परिक स्ट्रीट लाईटों को 40 वाट और 70 वाट की एलईडी स्ट्रीट लाईट तथा 90, 150 व 200 वाट की स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाईटों से बदला जाएगा। 150 वाट से कम की एलईडी लाईट को फिडर आधारित पैनल से और इससे अधिक को अलग-अलग कनैक्टर से जोड़ा जाएगा। (There are Many Benefits Of Smart Lighting)

एजेंसी जी.आई.एस. मानचित्र पर स्ट्रीट लाईट्स की मैपिंग के लिए जिम्मेदार होगी, जो नगर निगम को स्ट्रीट लाईट पोल के वास्तविक समय के डाटा को देखने में मदद करेगी। इससे नगर निगम को 2 स्ट्रीट लाईटों के बीच उपलब्ध दूरी और अन्य डाटा के आधार पर शहर में स्ट्रीट लाईट की भविष्य की आवश्यकताओं का निर्धारण करने में भी मदद मिलेगी।

स्ट्रीट लाईटों का होगा यह भी लाभ-

उपायुक्त ने बताया कि एलईडी स्ट्रीट लाईटों से उच्च ऊर्जा दक्षता, उच्च तीव्रता, लाईटों का लम्बा जीवन और कम रख-रखाव के साथ बेहतर सार्वजनिक सुरक्षा होगी। इसमें अधिक महत्वपूर्ण यह है कि इनसे ऊर्जा की बचत होगी। स्ट्रीट लाईट की स्थिति की निगरानी के लिए केन्द्रीकृत नियंत्रण रहेगा। जनता को संतुष्टि मिलेगी और बिजली चोरी की पहचान भी हो सकेगी।

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