अंबाला। अगर आपको लगता है कि रिश्ते केवल इंसान बनाते हैं तो यह आपकी भूल हो सकती है। रिश्ते बनाने में इंसान के सबसे विश्वासपात्र दोस्त माने जाने वाले कुत्ते भी कम नहीं हैं। रिश्ते भी ऐसे-वैसे नहीं बल्कि ‘खून’ के रिश्ते। दरअसल, बीमारी के दौरान अक्सर कुत्तों के शरीर में खून की कमी आ जाती है। इस कमी को दूर करने के लिए दूसरे कुत्ते उन्हें रक्तदान करते हैं। ये रक्तदाता गली मोहल्लों में घूमने वाले आवारा कुत्ते होते हैं जो रक्तदान (कुत्तों से खून लिया जाता है) से पालतू कुत्तों को नई जिंदगी देते हैं। ऐसी ही एक घटना अंबाला के एक पालतू डॉग ( पमेरियन ब्रीड) जिसका नाम टाइगर है के साथ हुई किसी बीमारी के कारण टाइगर का सारा रक्त नाक के जरिए बह गया और उसमे मात्र 3 ग्राम खून रह गया और स्थिति काफी नाजुक हो गई। डॉक्टर ने टाइगर के मालिक को सलाह दी कि आप इसके लिए जल्द से जल्द किसी अन्य डॉग का रक्त का इंतजाम करें तभी इस की जान बचाई जा सकती है। फिर टाइगर के मालिक को कहीं से भरत सिंह जी का नंबर मिला और उन्होंने भरत जी से अपने डॉग टाइगर की जान बचाने के लिए किसी अन्य डॉग के रक्तदान की मदद मांगी। जैसे ही भरत जी को पता चला तो उन्होंने एक जीव प्रेमी का डॉग जिसका नाम स्माइली ( इंडियन ब्रीड) है। तभी वह स्माइली को एक प्राइवेट अस्पताल लेकर पहुंचे और स्माइली का रक्तदान करवाया गया और तुरंत ही उसका रक्त टाइगर को चढ़ाया गया। मन को बहुत सुकून मिला यह कार्य कर कर एक बेजुबान ने किस प्रकार दूसरे बेजुबान साथी की जान बचाई।
स्ट्रे डॉग अभी भरत की देखरेख में है, ताकि उसे पूरी डाइट दी जा सके: जिस स्ट्रे डॉग ने रक्त देकर दूसरों डॉग की जान बचाई है वह डॉग अभी भरत जी की देखरेख में उनके पास ही है ताकि उसे पूरी तरह से डाइट दी जा सके और लोगों से यह आग्रह भी भरत जी ने किया कि आप ज्यादा से ज्यादा स्ट्रे डॉग को पाले और उनकी सेवा करें और अपनी गली मोहल्ले में जितने भी बेजुबान होते हैं उनके खाने पीने की व्यवस्था भी करते रहें क्योंकि यह मूक प्राणी बोलकर खाना,पानी नहीं मांग सकते इनका ख्याल रखना हम सब का कर्तव्य है।
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