Story Of Shri Purushottam Month : वैभव पाकर कभी अभिमान नहीं करना चाहिए : पंडित अखिलेश शास्त्री

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Story Of Shri Purushottam Month
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Aaj Samaj (आज समाज), Story Of Shri Purushottam Month,पानीपत : श्री राम शिशु विद्या मंदिर में संगीतमय चल रही श्री पुरुषोत्तम मास की कथा में पंडित अखिलेश शास्त्री ने बताया कि  जब सृष्टि की उत्पत्ति हुई माता दिति ऋषि कश्यप से 2 पुत्र उत्पन्न हुए। हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप। हिरण्याक्ष ने पृथ्वी का हरण कर लिया। भगवान ने वराह रूप धारण करके हिरण्याक्ष का वध किया। उसके भाई हिरण्यकश्यप ने संकल्प किया कि मैं अपने भाई का बदला लूंगा और उसने ब्रह्मा देव की आराधना की ब्रह्मदेव से वरदान मांगे की ना दिन में मरू ना रात में मरू ना ब्रह्मा जी की सृष्टि से उत्पन्न किसी भी चीज से मरू ना 12 महीनों में मरू। तो भगवान नारायण ने पुरुषोत्तम महीने की उत्पत्ति की और नरसिंह रूप में प्रकट होकर हिरण्यकश्यप का वध किया शास्त्री ने बताया कि वैभव पाकर के अभिमान नहीं करना चाहिए, जिसने अभिमान किया परमात्मा उसका अभिमान नहीं रहने देते। कथा में मुख्य रूप से विष्णु शुक्ला देवी, शरण उपाध्याय ,पंडित दिलीप उपाध्याय, चरणजीत रेवड़ी, सुरेंद्र रेवड़ी, श्याम सुंदर बत्रा, मुकेश खुराना, नंदलाल मिगलानी, वेद प्रकाश रेवड़ी, योगिता शुक्ला, कविता बहन, सरला बहन, रानी बहन, कमला, गीता, सीमा, चंपा, पुष्पा, नीलम, इंदिरा अनेक भक्त गण उपस्थित रहे।

 

 

 

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