Story of Purushottam Month : परमात्मा ही यश, कीर्ति, वैभव एवं सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने में समर्थ : पंडित अखिलेश शुक्ला शास्त्री 

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Story of Purushottam Month
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Aaj Samaj (आज समाज),Story of Purushottam Month, पानीपत: श्री राम शिशु विद्या मंदिर में चल रही पुरुषोत्तम मास की कथा में पंडित अखिलेश शुक्ला शास्त्री ने बताया कि मलमास कि जब उत्पत्ति हुई तो उसको 12 महीनों ने ठुकरा दिया और कहा कि तुम निंदित हो, मल हो, संक्रांति रहित हो, इसलिए तुम्हारी पूजा नहीं होगी। मलमास रोता हुआ नारायण के चरणों में पहुंचा। नारायण और नारद उसको लेकर के गोलोक में भगवान श्री कृष्ण के पास गए। नारायण ने भगवान श्री कृष्ण से कहा कि मलमास अपने प्राण त्याग ना चाहता है, क्योंकि 12 महीनों ने उसका तिरस्कार किया है। भगवान श्री कृष्ण ने प्रसन्न होकर के उसको अपना पुरुषोत्तम नाम दिया। शास्त्री ने कहा कि सभी को परमात्मा की शरण में जाना चाहिए। परमात्मा ही यश, कीर्ति, वैभव एवं सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने में समर्थ हैं। पंडित दिलीप उपाध्याय, देवी प्रसाद उपाध्याय, योग्यता शुक्ला, सरला बहन, पुष्पा बहन, रानी बहन, गीता बहन, चंपा बहन, सीमा बहन और अनेक भक्त गण उपस्थित रहे।