Stop politics and see real India in Ayodhya! बंद कीजिए सियासत और अयोध्या में देखिए असली भारत!

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ये जो सियासत करने वाले हैं, अगर बाज आ जाएं तो पूरी दुनिया भारत की असली तस्वीर उसी अयोध्या में देख सकती है जहां मंदिर और मस्जिद को लेकर पांच शताब्दी की लम्बे कालखंड में जद्दोजहद रही। राम जन्मभूमि पर दिव्य भव्य मंदिर में घंटे घड़ियाल और कुछ मील दूर रौनाही की मस्जिद में अजान की गूंज। शुक्र है कि भगवान राम के उपासकों और अल्लाह के बन्दों ने देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले को बडे दिल और खुले दिमाग से माना, नतीजा है कि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मयार्दा पुरुषोत्तम राम की  जन्मभूमि पर जिस मंदिर का भूमिपूजन करने जा रहे हैं, तीन साल में तैयार होने के बाद उसकी अवर्णनीय भव्यता पूरे विश्व के रामभक्तों को तो भाएगी ही, उस पुरातन अयोध्या की भी याद दिलाएगी जिसकी छवि रामायण की दृष्टि से हमारे मष्तिष्क में अंकित है।
वही सुन्नी वक़्त बोर्ड ने भी सकारात्मक पहल करते हुए अयोध्या की सीमा से लगे रौनाही में मस्जिद और इस्लामिक अध्ययन केंद्र बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
मंदिर निर्माण के प्रति श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राम जन्मभूमि क्षेत्र विकास ट्रस्ट को दान में सोने चांदी जैसी कीमती चीजें न देने का  सार्वजनिक रूप से ऐलान करना पड़ा है। फिलहाल मंदिर के लिए इतना सोना चांदी आ चुका है कि उसकी सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्ध सैनिक बल की ड्यूटी लगानी पड़ी है। भगवान राम के जन्मस्थान पर राम मंदिर का निर्माणकार्य प्रारम्भ होगा तो शायद दुनिया की सबसे बड़ी दीवाली मनेगी। यह सच है कि राम के प्रति आस्थावान लोगों की गिनती संभव नही है और दुर्भाग्यजनक सच यह भी है कि हाल के दशकों में राम का नाम सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने के लिए सियासत में ज्यादा इस्तेमाल हुआ है। अब, जब उत्सव का सबसे बड़ा अवसर आया है, फिर वही तैयारी है।
देश के प्रमुख राज्यों बिहार, बंगाल और कुछ ही दिनों बाद होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों पर महामारी की नही राम नाम की छाया बनी रहे। दुष्काल में निर्माण कार्य शुरू कर भारतीय जनता पार्टी अयोध्या के भव्य राम मंदिर को आगमी राजनैतिक समर के लिए अचूक हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। कम से कम मंदिर निर्माण की तैयारियों और आगे के कार्यक्रम से ये संदेश साफ है। केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों मंदिर निर्माण के साथ ही विकास के अजेंडा को भी जनता के जेहन में कायम रखना चाहती है। इसीलिए मंदिर निर्माण के साथ कई विकास परियोजनाओं पर काम शुरू करने की भी तैयारी है।
मंदिर का निर्माण अगले लोकसभा चुनावों के आसपास पूरा होगा पर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों तक इसके पहले चरण को पूरा कर लिया जाएगा। संभावना है कि भव्य मंदिर में भगवान रामलला की पूजा अर्चना का दौर यूपी विधानसभा चुनावों के पहले ही शुरू कर दिया जाए। अयोध्या आंदोलन के प्रमुख संतों की ओर से भेंट की गयी 40 किलो चांदी की राम शिला के साथ 40-50 प्रमुख लोगों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की बुनियाद रखेंगे। बीते हफ्ते ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष मंहत नृत्यगोपाल दास ने 40 किलो चांदी की शिला के जरिए मंदिर निर्माण की शुरूआत करने का कार्यक्रम घोषित किया।
कोरोना संकट के चलते राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में बस गिने चुने लोगों को ही न्यौता दिया जा रहा है। मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की पूरी कैबिनेट भी शामिल नहीं होगी बल्कि चुनिंदा मंत्री ही शामिल होंगे। कोरोना महामारी के चलते निर्माण कार्य की शुरूआत भारी भीड़ के साथ नहीं होगी बल्कि कुछ खास लोगों के बीच ही होगी। हालांकि मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े प्रमुख लोगों को जरुर इस कार्यक्रम में बुलाया जा रहा है। मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े लोगों, पुजारियों के अतिरिक्त संतों को भी न्यौता नहीं दिया जा रहा है। अभी तक ट्रस्ट की ओर से शंकराचार्यों को बुलाने को लेकर भी कोई सहमति नहीं बनी हैं। हालांकि कुछ लोगों की कहना है कि उन्हें औपचारिक आमंत्रण भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के 5 अगस्त को प्रस्तावित राम मंदिर के भूमि पूजन के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी सामिल होंगे।
मंदिर निर्माण से जुड़े राजनेताओं में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह सहित तमाम संत भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे। राम मंदिर के भूमि पूजन के इस कार्यक्रम में मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठ भाजपा नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा। इनके अलावा विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अपने प्रमुख मोहन भागवत सहित वरिष्ठों के साथ भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी शामिल होने के पूरे आसार हैं। फिलहाल मंदिर आंदोलन में सक्रियता के साथ अग्रणी भूमिका में शामिल रही शिवसेना के लोगों को निमंत्रण नहीं भेजने की खबर है। साथ ही मंदिर आंदोलन के समय सक्रिय रहे लेकिन अब भाजपा छोड़ प्रदेश में अन्य दलों में जा चुके कुछ अन्य मंदिर समर्थकों को भी नही बुलाया जा रहा है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि 5 अगस्त घोषित होने के बाद अब इसकी तैयारियां तेज हो गयी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  5 अगस्त को अभिजीत मुहूर्त में ह्यसर्वार्थ सिद्धि योगह्ण में राममंदिर का भूमि पूजन करेंगे। रामजन्मभूमि स्थल पर ताम्र कलश में गंगाजल और अन्य तीर्थों का जल लाकर पूजा की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे और 1 बजकर 10 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे। भूमि पूजन की औपचारिकताओं की शुरूआत उनके पहुंचने से पहले ही होगी और वो पहुंचने के बाद नींव की शिलाओं का पूजन करेंगे। मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का यह कार्यक्रम 4 घंटे से ज्यादा चलेगा। राम मंदिर के भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला समर्पित करेंगे और पीएम मोदी इस शिला का पूजन कर इसे स्थापित करेंगे।
इसी के साथ अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ ही विकास का भी तड़का लगेगा। अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री के हाथों राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के साथ ही दर्जनों विकास की परियोजनाओं पर भी काम शुरू होगा। प्रदेश की योगी सरकार इसी दिन कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकापर्ण करेगी।
राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या के बढ़ने वाले महत्व व आबादी के दबाव को देखते हुए 600 एकड़ की आवासीय परियोजना भी शुरू की जाएगी। अयोध्याधाम के नाम से लखनऊ-गोरखपुर मार्ग पर शहनवाजपुर गांव के पास 600 एकड़ में टाउनशिप बसायी जाएगी। इस मौके पर उत्तर प्रदेश सरकार की 487.91 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा। इनमें 326.38 करोड़ रुपये की नयी परियोजनाओं का शिलान्यास व 161.53 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकापर्ण शामिल है।
अयोध्या में बन रहे अंतरर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को शहर से जोड़ने के लिए फोर लेन सड़क, विश्वस्तरीय मीडिया सेंटर, मल्टीलेवल पार्किंग का काम भी 5 अगस्त से शुरू कर दिया जाएगा। सभी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकापर्ण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। अयोध्या में 600 एकड़ में प्रस्तावित नयी टाउनशिप लखनऊ राजमार्ग पर बनेगी, जिसे आवास विकास परिषद बनाएगी। इसके साथ अयोध्या में कोरियाई राजकुमारी क्वीन हो मेमोरियल पार्क 21.92 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है जो इसी साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
(लेखक उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति के अघ्यक्ष हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)