नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर किसानों का धरना पिछले लगभग दो महीने से ज्यादा समय से चल रहा है। किसान कृषि कानूनों को रद्द करानेकी जिद्द पर अड़ेहैं। इस संबंध में किसानों और सरकार की वार्ता कई दौर तक चल चुकी है। लेकिन गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने के बाद उसमें हुई हिंसा और अराजकता केसाथ ही लाल किले पर धर्म विशेष का झंडा फहराये जाने से आम जन में रोष है। जिसके बाद अब सिंघु बार्डर पर बैठेकिसानों को उठाने के लिए गांव का आम आदमी वहां प हुंचा और उनके खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच खबर है कि सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को भी भारी हंगामा जारी है। सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के खिलाफ वहां लोग इकट्ठे हुए और किसानोंकेखिलाफ नारेबाजी की साथ ही उन्होंने किसानों पर पत्थरबाजी भी शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए लाठीचार्ज किया और आसू गैस के गोले भी छोड़े। सिंघु बॉर्डर पर एकत्र हुए लोग खुद को स्थानीय बता रहे हैंऔर उनकी मांग है कि सिंघु बॉर्डर को जल्द खाली कराया जाए। गौरतलब है कि पुलिस ने आज सुबह से ही सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए हैं। करीब 15 अतिरिक्त कंपनी अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनात हैं। स्थानीय पुलिस के साथ स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड आॅर्डर संजय सिंह खुद मौके पर मौजूद हैं। दो दिनों से ज्यादातर समय स्पेशल कमिश्नर अलीपुर थाने में ही मौजूद रहते हैं। इसके साथ ही सिंघु बॉर्डर और आसपास के इलाकों में आज भी इंटरनेट सेवा काम नहीं कर रही है। आसपास के लोग यह आशंका जता रहे हैं कि इलाके में मोबाइल जैमर लगा दिया गया है। जबकि पुलिस का कहना है कि एहतियातन इंटरनेट जरूर बंद किया गया था लेकिन अब उसे खोल दिया गया है।