अकेले सोनिया से मिलने दिल्ली पहुंची सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार करने का आज अतिंम दिन है। शाम हो को चुनाव प्रचार थम जाएंगे। 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। 8 को परिणाम आएंगा। इन सबके बीच चुनाव प्रचार छोड़ कुमारी सैलजा आज दिल्ली सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पहुंची। यहां पर सोनिया गांधी और कुमारी सैलजा के बीच बैठक हुई। करीब आधे घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई।
उसके बाद कुमारी सैलजा वहां से निकल गई। वोटिंग से मात्र दो दिन पहले अचानक से सोनिया और कुमारी सैलजा के बीच हुई बातचीत से हरियाणा कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है। हर कोई यह पता लगाने में लगा है कि ऐसी क्या घटना घटी जो सैलजा अचानक से दिल्ली सोनिया गांधी से मिलने पहुंच गई। इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही है। लेकिन सच किसी को भी मालूम नहीं है कि दोनों के बीच किस मुद्दे पर बात हुई। राहुल गांधी की अंतिम रैली से पहले सोनिया गांधी से इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पहले भी नाराजगी जाहिर कर चुकी सैजला
गौरतलब है कि टिकट वितरण के समय की गई अनदेखी व किर हुड्डा गुट के एक नेता द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी से नाराज होकर कुमारी सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी। वह किसी भी प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए नहीं गई। करीब 10 दिन तक सैलजा के चुनाव प्रचार से दूर रहने के बाद हाईकमान को उनकी नाराजगी समझ में आ गई। कहा जाता है कि सैलजा की नाराजगी के चलते ही अंबाला में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का रैली में आना कैंसिल हो गया था। उसके बाद खुद राहुल गांधी के कहने पर सैलजा राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने को तैयारी हुई। असंध में हुई रैली में राहुल गांधी ने हुड्डा और सैलजा का हाथ मिलवाया। फिर सैलजा ने कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करना शुरू किया था। उसके बाद नारायणगढ़ में राहुल गांधी की हरियाणा विजय सकंल्प यात्रा के दौरान भी सैलजा हुड्डा एक मंच पर आए थे।
खुद को बता चुकी सीएम फेस
सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा हरियाणा में कांग्रेस का एक बड़ा दलित चेहरा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस किसी भी तरीके से सैलजा को अनदेखा नहींं कर सकती है। जब सैलजा नाराज हुई थी तो राहुल गांधी ने उन्हें फोन कर चुनाव प्रचार के लिया मनाया था। सैलजा खुद को सीएम का चेहरा भी बता चुकी। सैलजा ने कहा था सीएम बनना कोई बीता वक्त नहीं है, जो लौटकर नहीं आएगा। कांग्रेस पार्टी में ऐसा वक्त कभी नहीं आएगा। मैं ये बात बिल्कुल क्लियर कहती हूं, कि सीएम फेस का फैसला हमेशा कांग्रेस में हाईकमान ही करता है।
हरियाणा कांग्रेस में बन चुके दो गुट
हरियाणा में कांग्रेस दो गुटों में विभाजीत हो चुकी है। एक गुट का नेतृत्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दूसरे गुट का नेतृत्व कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह कर रहे है। इस गुट की एक नेता किरण चौधरी भाजपा में जा चुकी है। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने को मिलती है।
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