Statement of Shimla Chief Minister Jai Ram Thakur
आज समाज डिजिटल, शिमला
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि संस्कृत हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का आधार है और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने तथा प्रचारित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत प्राचीन भाषा है और विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है। वे रविवार को शिमला से संस्कृत भारती के क्षेत्रीय सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
Statement of Shimla Chief Minister Jai Ram Thakur
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत द्वारा दुनिया को दिया गया यह सबसे बड़ा उपहार है। संस्कृत को अब विश्व में सबसे प्राचीन साहित्य वाली भाषा के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य का महासागर है और देव भाषा संस्कृत वेदों, शास्त्रों, काव्यों और अनेक ऐसे ज्ञानरूपी मोतियों का स्रोत है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषाई, वर्ग, जाति, संप्रदाय और क्षेत्रीय विभाजन जैसे सामाजिक भेदों को दूर करने का सर्वाेत्तम साधन है। उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र के लोग आसानी से संस्कृत से जुड़ सकते हैं और यह देश को एकजुट करने का सर्वोत्तम साधन है। उन्होंने कहा कि दिव्य मातृभाषा संस्कृत विश्व की अनेक भाषाओं का स्रोत है न कि किसी भाषा की व्युत्पत्ति।
Statement of Shimla Chief Minister Jai Ram Thakur
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत हमारी सांस्कृतिक परंपराओं का प्रमुख आधार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मन की बात कार्यक्रम में संस्कृत के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व की अनेक भाषाएं संस्कृत से विकसित हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हमने अपनी जड़ों से दूरी बना ली है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को अपनी जड़ों के महत्व का अनुभव करवाया तथा इस संकट के दौरान लाखों लोग अपने गांवों लौट आए।
Statement of Shimla Chief Minister Jai Ram Thakur
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के रूप में जाना जाता है और इस प्रकार देव वाणी संस्कृत प्रदेश के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस भाषा को इसका उचित स्थान प्रदान करने के लिए 2019 में राज्य सरकार ने संस्कृत भाषा को राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा बनाया गया है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को यह भाषा सीखनी चाहिए ताकि वह समृद्ध संस्कृति और परम्परा पर गर्व महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शास्त्री अध्यापकों की उचित मांगों पर राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने दैनिक वार्तालाप में सरल संस्कृत के उपयोग को प्रोत्साहित करके के लिए संस्कृत भारती के प्रयासों की भी सराहना की।
Statement of Shimla Chief Minister Jai Ram Thakur
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि संस्कृत भाषा एक दिव्य भाषा है जो विश्व को विश्व बंधुत्व और सहअस्तित्व की शिक्षा देती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दैनिक जीवन में संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने और बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने संस्कृत को राज्य की दूसरी राजभाषा के रूप में मान्यता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शास्त्री अध्यापकों के अनेक पद भरे जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थी इस प्राचीन भाषा को सीख सकें।
Statement of Shimla Chief Minister Jai Ram Thakur
संस्कृत भारती के अखिल भारतीय सह-संगठन मंत्री जय प्रकाश गौतम ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा मानव द्वारा विकसित सबसे बेहतर, उत्तम और सक्षम साहित्यिक उपकरणों में से एक है। उन्होंने कहा कि वैदिक भाषा संस्कृत हजारों साल पहले से दुनिया की प्रारंभिक प्रमुख भाषाओं जैसे ग्रीक, हिब्रू और लैटिन आदि से पहले ही अस्तित्व में थी।
संस्कृत भारती हिमाचल प्रदेश के प्रांत अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मी निवास पांडे ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रांत संगठन मंत्री नरेंद्र, डॉ. गिरिराज गौतम, हरीश पाठक, डॉ. पुरुषोत्तम, ललित शर्मा व डॉ. सत्य देव सहित अन्य उपस्थित थे।
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