Nationwide strike against proposed privatization of banks: बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल

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पटियाला। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस 9 बैंक यूनियनों से मिलकर एपेक्स ट्रेड यूनियन फोरम है।  AIBEA, NCBE, AIBOC, AIBOA, BEFI, INBEF, INBOC, NOBW और NOBO लगभग एक मिलियन बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो विभिन्न बैंकों में काम करते हैं।
यूएफबीयू ने 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण करने के लिए हाल के बजट में सरकार की घोषणा के विरोध में 15 और 15 मार्च, 2021 को सभी बैंकों में देशव्यापी आंदोलन और 2 दिन की सतत हड़ताल का आह्वान किया है।  सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण – WE OPPOSE
आज हड़ताल करते हुए शेरवाला फाटक पटियाला के बाहर एक विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया जिसमें 400 से अधिक बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।  वे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के केंद्र सरकार के कदम का विरोध कर रहे थे।
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ के सचिव राजीव सिरहिंदी ने इस अवसर पर कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का गठन आम जनता की सेवा के लिए किया गया था।  उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देश के आम लोगों को लाभ पहुंचाने वाली सभी सरकारी योजनाओं को लागू कर रहे हैं और इन बैंकों को निजी क्षेत्र को देने से PSB के उद्देश्य को नुकसान होगा।  उन्होंने कहा कि आज एवं कल को भारत के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूर्ण हड़ताल देखी जाएगी।
एसबीआई स्टाफ एसोसिएशन के उप महा सचिव राजेश खन्ना ने कहा कि सरकार के बैंकों को निजी  हाथों मे सोपने के फैसले से देश की आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा । इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न बैंक यूनियनों के नेताओं में सतीश कुमार, अध्यक्ष AIBOC पंजाब, हरिंदर गुप्ता, जसबीर सिंह, बिनय सिन्हा,  एचएस बाघी, अमनजोत सिंह, राजेश खन्ना, संजीव शर्मा , हर्ष अरोड़ा, केवल कृष्णन, मलकीत सिंह शामिल हैं।  , नरेंद्रजीत सिंह, पुनीत वर्मा, अकिलेश कुमार, संजीव गर्ग, दीपेंद्र सिंह, सुदर्शन अरोड़ा, पुनीत वैद, करमजीत कौर, देविंदर सिंह, तनप्रीत सिंह, मनीष कुमार, ओम प्रकाश और दिनेश गुप्ता।