आज समाज डिजिटल, बिलासपुर (State level Nalwadi Fair) : मण्डलायुक्त मण्डी राखिल काहलों ने कहा कि मेले, पर्व व त्यौहार किसी भी समाज की जीवन परंपराओं व समृद्ध संस्कृति के परिचायक होते हैं। यह किसी ना किसी सांस्कृतिक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अथवा प्राकृतिक परिवर्तनों के साथ जुड़े होते हैं। वे शुक्रवार को यहां राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले के शुभारंभ अवसर पर बोल रही थी।
काहलों ने कहा कि वसंत ऋतु के आगमन से जुड़े यह मेला चौत्र यानी 17 मार्च से शुरू होकर लगभग सप्ताह भर चलता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मेले में परंपरा के अनुरूप पशु व्यवसाय, छिंज एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सभी क्षेत्रवासी भरपूर आनंद का अनुभव करेंगे।
उन्होंने कहा कि सांडू के मैदान से लुहणु के मैदान में परिवर्तित नलवाड़ी मेले में अनेक परिवर्तन हुए। आधुनिक चकाचौंध के कारण मेले के स्वरूप में बदलाव के चावजूद भी मेले की परंपरा व पौराणिकता को यथावत जीवंत बनाए रखने में मेला कमेटी और सभी जिला वासियों का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आपसी भाई-चारे व सांस्कृतिक धरोहर को जीवत रखने के प्रतीक हमारे मेले व त्यौहार जनमानस में परस्पर मधुर मिलन व सह-अस्तित्व की भावना का संचार करते हैं ।
इससे पूर्व, राखिल काहलों ने लक्ष्मी नारायण मन्दिर में पूजा अर्चना के पश्चात लुहणू मैदान तक भव्य शोभा यात्रा का नेतृत्व भी किया, जहां उन्होंने बैल पूजन व खून्टी गाड़ कर नलवाड़ी मेले का विधिवत शुभारम्भ किया। उन्होंने नलवाड़ी मेले के ध्वज को फहराने के अतिरिक्त प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि बिलासपुर जनपद के राजा विजय सेन के समय में शुरू हुआ यह मेला आज 134वें साल में प्रवेश कर गया है।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर कार्तिकेन गोकुल चन्द्रन, अतिरिक्त उपायुक्त डा. निधि पटेल, उपमण्डलाधिकारी सदर अभिषेक गर्ग, सहायक आयुक्त गौरव चौधरी, पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा, बंबर ठाकुर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
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